सरकार के इन दावों के बावजूद भी मृतक महिला का परिवार अपने बयानों पर कायम है। उनका कहना है कि 3 दिन से घर में खाना नहीं होने की वजह से 58 साल की सावित्री देवी ने दम तोड़ दिया था। वहीं स्थानीय अधिकारी इस बात का भी पता लगाने में जुटे हुए हैं कि परिवार के पास राशन कार्ड क्यों नहीं था। आपको बता दें कि इससे पहले इस केस में प्रशासन की जांच रिपोर्ट में ये सामने आया है कि महिला की मौत भूख की वजह से नहीं बल्कि बीमारी की वजह से हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला का इलाज रिम्स रांची में भी हुआ था। बीमारी में कहा गया कि सावित्री देवी को सिर से जुड़ी बीमारी थी, जिसमें मौत की संभावना भी थी।
जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि जिस वक्त महिला की मौत हुई उस वक्त उसके दोनों बेटे वहां मौजूद थे, जिसमें एक बेटा हीरालाल महतो नागपुर में कार्यरत हैं और दूसरा हुलास कुमार उत्तर प्रदेश में काम करता है। दोनों को क्रमशः 7 हजार और 3 हजार रुपये वेतन मिलते हैं। महिला का देवर भोला राम महतो 10 दिनों से उसकी देखभाल कर रहा था। इसके अलावा कुछ गांव की महिलाएं भी उन्हें 10 दिनों से भोजन करा रहीं थी।
महिला की मौत को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया है, ”हर मौत बेहद दुखद होती है, लेकिन मौतों को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए और जब तक कि जांच पूरी ना हो जाए, तब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए, हमें महिला की मौत का बेहद दुख है, लेकिन जांच में ये बात सामने आ चुकी है कि उनकी मौत भूख की वजह से नहीं हुई थी।
इसके अलावा जांच में ये बात भी सामने आई है कि महिला की मौत के समय उनके बैंक अकाउंट में 2,375 रुपए जमा हैं और 4 अप्रैल को ही 1800 रुपए महिला के अकाउंट में डाले गए थे, जो कि उनकी विधवा पेंशन थी। हालांकि उन्होंने पासबुक अपडेट नहीं कराई थी, जिसकी वजह से उन्हें अपने खाते में बैलेंस का पता नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सावित्री देवी की भूखमरी की हालत होती तो बैंक से पैसे जरूर निकाले जाते, इसलिए महिला की मौत भूख से नहीं हुई है।
छेनपुर पंचायत के मुखिया राम प्रसाद मेहतो ने बताया है कि सावित्री देवी करीब दो या तीन महीने पहले उनके पास अपनी विधवा पेंशन के बारे में जानकारी लेने के लिए आई थी। जब मैनें उनका अकाउंट चेक किया तो पाया कि वो खाता आधार कार्ड से लिंक नहीं है। इसके बाद मैंने इस काम को कराया और 4 अप्रैल को उसके खाते में 1800 रुपए पेंशन आ गई। हालांकि सावित्री देवी की मौत के बाद मामला सामने आया था कि उन्हें राशन नहीं मिल रहा था। उनका राशन कार्ड भी नहीं बन पाया था। ऐसे में यह भी जांच करना जरूरी है कि गरीब सावित्री देवी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा था या नहीं. क्या किसी की लापरवाही के कारण उन्हें राशन या अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था या फिर महिला की मौत इलाज के अभाव में हो गया यह भी जांच करनी जरूरी है।