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2005 में ही लाइसेंस के लिए किया था आवेदन
आपको बता दें कि बीते दिनों शिवपाल सिंह का तबादला गोड्डा के एडीजी-2 के पद पर किया गया था। इससे पहले भी वे गोड्डा जिले में कार्य कर चुके हैं। उस दौरान भी उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए रिवॉल्वर के लिए आवेदन किया था। तब प्रमडलीय आयुक्त ने 5 अप्रैल, 2005 को पुलिस सत्यापन के बाद लाइसेंस जारी करने के आदेश दिए थे। हालांकि अभी तक न्यायाधीश शिवपाल सिंह को रिवॉल्वर के लिए लाइसेंस नहीं मिला है। शिवपाल सिंह ने कहा था कि यदि पुलिस सत्यापन में प्रतिकूल रिपोर्ट पाई गई तो वे लाइसेंस तत्काल सरेंडर कर देंगे।
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ईमानदार छवि के जज हैं शिवपाल सिंह
गौरतलब है कि समाज में शिवपाल सिंह की छवि एक ईमानदार न्यायाधीश के तौर मानी जाती है और उनके कई फैसलों से कुछ असमाजिक तत्व उनसे नाराज भी हैं। बता दें कि शिवपाल सिंह उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के शेखपुर खुर्द के रहने वाले हैं। बीते 20 जून की रात उनके घर में चोरी हो गई जिसमें चोरों ने करीब दो लाख रुपए के जेवरात और 60 हजार रुपए नकद चुरा लिए। बता दें कि शिवपाल सिंह के छोटे भाई सुरेंद्र पाल सिंह अपने परिवार के साथ उसी मकान में रहते हैं। गौरतलब है कि न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने झारखंड के दुमका कोषागार से अवैध तरीके से पैसों की निकासी के मामले में दो धाराओं के तहत लालू यादव को सात-सात वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके अलावे 10-10 लाख जुर्माना भरने को भी कहा था।