नई दिल्ली। रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनते ही उनके पास सजा माफी के लिए सबसे पहली अर्जी आ गई है। यह अर्जी कोलकाता हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त चर्चित जज सीएस कर्णन ने लगाई है। अदालत की अवमानना मामले में छह महीने जेल की सजा काट रहे कर्णन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सजा माफी की अपील की है। न्यायमूर्ति कर्णन की कानूनी टीम के अनुसार, पूर्व न्यायाधीश की ओर से राष्ट्रपति कोविंद को ई-मेल के जरिए सजा माफी का आवेदन किया गया है। टीम ने बताया कि उसकी यह कोशिश है कि न्यायमूर्ति कर्णन की अपील कोविंद के समक्ष इलेक्ट्रॉनिक तौर पर और लिखित तौर पर दायर पहली याचिका हो।
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ई-मेल के जरिए दायर की याचिका
न्यायमूर्ति कर्णन के वकील एसी फिलिप के अनुसार, ई-मेल के जरिए याचिका दायर की गई है। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा कि कोविंद या उनके सचिव से व्यक्तिगत तौर पर मिलने का समय मांगा गया था, लेकिन उनके सचिवालय से यह कहा गया कि शपथ ग्रहण समारोह में व्यस्तता के कारण मंगलवार को मिलने का समय दे पाना संभव नहीं हो पाएगा। उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति कर्णन की कानूनी टीम बुधवार को कोविंद से मिलने का समय लेने का प्रयास करेगी।
याचिका में अनुच्छेद-72 का हवाला दिया
न्यायमूर्ति कर्णन ने अपनी याचिका में कहा है कि संविधान के अनुच्छेद-72 के तहत राष्ट्रपति को असीमित अधिकार प्राप्त हैं और उनसे (कोविंद से) अनुरोध है कि वह इस अधिकार का इस्तेमाल करते हुए उनकी सजा माफ करें। न्यायमूर्ति कर्णन अदालत की अवमानना मामले में जेल की सजा भुगत रहे हैं। संभव है कि राष्ट्रपति का कामकाज औपचारिक तौर पर संभालने के बाद कोविंद के समक्ष इस तरह की यह पहली याचिका होगी।
6 महीने की सजा काट रहे हैं कर्णन
कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सीएस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अदालत की अवमानना का दोषी मानते हुए 6 महीने की जेल की सजा सुनाई थी। पुलिस ने कर्णन को 20 जून को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कर्णन 12 जून को रिटायर हुए थे।
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