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कश्मीर में कफ्र्यू और हिंसक घटनाओं से स्थानीय स्टार्टअप हो रहे बंद

इंटरनेट में रुकावट से कारोबार ठप पड़ गया। डिलिवरी ब्वॉय पर किया जा रहा हमला।स्टाफ को वेतन देने के भी पैसे नहीं बचे। 

Oct 19, 2016 / 02:57 pm

रोहित पंवार

Kashmir startup

Kashmir startup

श्रीनगर. कश्मीर में कफ्र्यू और अशांति के कारण स्थानीय ऑनलाइन स्टार्टअप पर बुरा असर पड़ रहा है। कुछ बंद हो चुके हैं तो कुछ बंद होने की कगार पर हैं। कई ऐसी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स हैं जिन्हें अब फंड नहीं मिल रहा है। नतीजतन, इन्हें चलाने वाले उद्मियों ने कश्मीर से बाहर स्टार्टअप शिफ्ट करने का कड़ा फैसला लिया है। आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद स्टार्टअप इंडस्ट्री बंद होने की कगार पर पहुंच गई है।

30 वर्षीय साहिल वर्मा प्योरमार्ट.इन नाम से एक ई-कॉमर्स वेबसाइट चलाते हैं। वे इस स्टार्टअप के जरिये कश्मीरी काजू, बादाम व केसर बेचते हैं लेकिन दो माह से भी ज्यादा समय तक इंटरनेट बंद होने के कारण उनका कारोबार ठप पड़ा है। उनके साथ दुनियाभर के 50 हजार से अधिक रिटेल और थोक विक्रेता जुडे हैं। वेबसाइट पूरी तरह से काम नहीं कर रही है। साहिल कहते हैं कि मेरे पास 2012 में मुंबई में अच्छी खासी नौकरी थी। सोचा था स्टार्टअप के जरिये कश्मीरी चीजों को दुनियाभर में पहुंचाऊंगा। सब कुछ अच्छा चल रहा था मगर बीते कुछ महीनों से सब ठप हो गया। बता दें कि साहिल ने कारोबार ठप होने के कारण अपना मुख्य दफ्तर श्रीनगर से जम्मू शिफ्ट कर लिया है। इसी तरह समूचे कश्मीर में 100 से अधिक कई डिजिकल मार्केटिंग कंपनियां व टेक आधारिक स्टार्टअप प्रभावित हो रहे हैं। कई बंद हो चुके हैं।

अचानक से निवेशकों ने फंड रोका

 मीनाक्षी राकेश भट्ट कश्मीर वन स्टॉप डॉट कॉम की सह संस्थापक हैं। यह ई-कॉमर्स वेबसाइट कश्मीरी शॉल, ग्रीन टी से लेकर ड्राय फ्रूट्स आदि बेचती है। मीनाक्षी बताती हैं कि जून में उन्होंने प्रोडक्ट्स की लिस्ट बढ़ाने का फैसला किया था। फंड की जरूरत थी। कई निवेशकों से फंड को लेकर बात हो गई थी। लेकिन बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में जो अशांति और हिंसा फैली उसे देख निवेशकों ने फंड देने से मना कर दिया।

स्टाफ को देने के लिए वेतन नहीं

 लाल चौक के पास सय्यैद मुजताब रिजवी कश्मीरी आर्ट का ऑनलाइन कारोबार करते हैं। उन्होंने बाकायदा दफ्तर बनाया हुआ है। 90 दिनों से उनका कारोबार बंद है। वो कहते हैं मेरे पास दफ्तर के बिजली का बिल और स्टाफ को वेतन देने का पैसा नहीं बचा है। बता दें कि हिंसक घटनाओं में डिलिवरी ब्वॉय को भी निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

राज्य को लगातार हो रहा नुकसान

– 100 दिनों में राज्य को 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ
– 7000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया
– 13000 लोग विभिन्न हिंसक घटनाओं में घायल हुए


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