मालूम हो कि 31 अगस्त को एक फैसले में शीर्ष अदालत ने दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बसीं 48,000 झुग्गियों को तीन महीने के अंदर हटाने का निर्देश दिया था। इस मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय सत्र के दौरान काफी बहस भी हुई थी। ऐसे में केंद्र सरकार को दखल देना पड़ा था। सरकार ने भरोसा दिलाया था कि झुग्गीवालों को पक्का घर दिलाया जाएगा। ये उनका हक है। अब इसी सिलसिले में केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) के ऐलान से लोगों को राहत मिली है। केजरीवाल का कहना है कि महामारी के इस दौर में 48,000 झुग्गियों को हटाना सही नहीं है। क्योंकि इससे कोरोना वायरस हॉटस्पॉट बनने का खतरा हो सकता है। इसलिए उनके पुनर्वास की व्यवस्था पहले करनी होगी। हर झुग्गी वाले का यह कानूनी अधिकार है कि उसका एक घर हो।
बता दें कि रेलवे ट्रैक के पास बनी झुग्गियों को खाली कराने के लिए प्रशासन पर जबरदस्ती करने का आरोप है। लोगों का कहना है कि वे जबरन झुग्गियां तोड़ रहे हैं, जबकि मामला पहले से ही कोर्ट में है। दिल्ली के यमुना बैंक मेट्रो के पास यमुना खादर इलाके में रविवार को प्रशासन की ओर से सैकड़ों झुग्गियां तोड़े जाने की खबर सामने आई थी। इस मामले में वन विभाग ने सफाई दी थी कि डीडीए ने यह ज़मीन वन विभाग को दी है। यहां पेड़ पौधे लगाए जाएंगे।