सबरीमला मामला : पहले के रुख से पलटी केरल सरकार
इस बीच सबरीमला मंदिर बोर्ड ने केरल सरकार के नए कदम का विरोध करते हुए कहा कि सरकार अपने रुख से पलट नहीं सकती
नई दिल्ली। केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपने पूर्व के रुख में बदलाव करते हुए सोमवारक ो कहा कि वह मशहूर सबरीमला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में है। इस मामले में केरल की नवगठित वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार का रुख 2007 में तत्कालीन संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) सरकार के रुख से बिल्कुल उलट है। तत्कालीन यूडीएफ सरकार ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध किया था।
इस बीच सबरीमला मंदिर बोर्ड ने केरल सरकार के नए कदम का विरोध करते हुए कहा कि सरकार अपने रुख से पलट नहीं सकती। इस मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी। उल्लेखनीय है कि केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर अहम सुनवाई हो रही है। याचिका में कहा गया है कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश न करने देना उनके साथ भेदभाव करना है। वर्ष 2007 में केरल सरकार ने भी मंदिर प्रशासन के समर्थन में कहा था कि धार्मिक मान्यताओं की वजह से महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
सबरीमला मंदिर में परंपरा के अनुसार, 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है। मंदिर ट्रस्ट की मानें तो यहां 1500 साल से महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है। इसके लिए कुछ धार्मिक कारण बताए जाते रहे हैं। केरल के यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने प्रतिबंध के खिलाफ कोर्ट में 2006 में जनहित याचिका दाखिल की थी। करीब 10 साल से यह मामला कोर्ट में लटका हुआ है।
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