‘मैं अभी भी आजाद नहीं’
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तीन बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए हादिया ने कहा मैंने सुप्रीम कोर्ट से अपनी आजादी मांग थी। मैं अपने पति के साथ ही जीवन गुजारना चाहती हूं लेकिन सही मायने में मैं अबतक आजाद नहीं हूं। मैं एक नागरिक की तरह अपना अधिकार चाहता हूं। मैं सिर्फ उन लोगों से ही बात करना चाहती हूं, जो मुझे पसंद हैं। इस मामले का जाति और राजनीति से कोई मतलब नहीं है।
प्रिंसिपल ने कहा- हादिया का स्वागत
शिवराज मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल ने बताया कि हादिया हमारे कॉलेज को ज्वाइन कर रही हैं और यहीं हॉस्टल में रहेंगी। उनके एडमिशन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है और उन्हें पूरी सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी। हम हादिया का स्वागत भी अन्य छात्रों की तरह ही करेंगे।
परिवार में कोई आतंकी नहीं चाहते
वहीं दूसरी ओर मंगलवार को हादिया के पिता ने कहा कि वे नहीं चाहते कि उनके परिवार में कोई आतंकवादी हो। नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए हादिया के पिता के.एम. अशोकन ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे और मेरे परिवार को कई खराब अनुभव से गुजरना पड़ा। इस वजह से हादिया की पढ़ाई भी प्रभावित हुई। अब सुप्रीम कोर्ट ने हादिया की पढ़ाई जारी रखने को लेकर सही निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट से सोमवार सुनाया फैसला
बता दें कि सोमवार को हादिया मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हादिया से पूछा कि तुम क्या करना चाहती हो। जिस पर हादिया ने जवाब दिया कि वो अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती है। इस पर कोर्ट ने कहा कि हादिया के माता-पिता उसे अपने कब्जे में न रखें। साथ ही उसे सलेम में पढ़ने की इजाजत भी दी।