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आज है Radha Ashtmi, जानें इस त्योहार का पौराणिक महत्व?

देश में आज राधा अष्टमी ( Radha Ashtmi 2020) की धूम, जगह-जगह हो रही राधा रानी ( Radha Rani ) की पूजा-अर्चना
शास्त्रों में राधा अष्टमी का है खासा महत्व

Aug 26, 2020 / 10:42 am

Kaushlendra Pathak

Know About radha ashtmi vrat significance

आज है राधा अष्टमी।

नई दिल्ली। आज पूरे देश में राधा अष्टमी ( Radha Ashtmi 2020 ) का त्योहार मनाया जा रहा है। भाद्र पक्ष की अष्टमी तिथी को हर साल यह त्योहार मनाया जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन राधा (Radha) जी का जन्म हुआ था। लिहाजा, राधा अष्टमी पर इनकी पूजा का खासा महत्व है। ऐसी मान्यता है कि राधा जी के पूजा के बिना भगवान श्री कृष्ण (Shree Krishna) की अराधना अधूरी रह जाती है। साथ ही इस दिन जो भी राधा जी की पूजा करता है,उसके दुखों का नाश होता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी ( Shree Krishna Janmashtami ) की तरह राधा अष्टमी भी काफी धूमधाम से मनाया जाता है। वृंदावन ( Vrindavan ), बरसाना, मथुरा में राधाष्टमी पर काफी रौनक देखी जाती है। इस त्योहार का अपना पौराणिक महत्व भी है। कहा जाता है कि जो लोग राधा अष्टमी ( Radha Ashtmi ) व्रत को करते हैं, उनके यहां धन की कमी नहीं होती है। आइए, जानते हैं राधा अष्टमी के बारे में कुछ और खास बातें…
इस बार राधाष्टमी ( Radha Ashtmi 2020 ) 26 अगस्त यानी आज मनाया जा रहा है। इस त्योहार को लेकर राधा-कृष्ण के भक्तों में खासा महत्व है, खासकर वैष्णव समुदाय में। ऐसी मान्यता है कि जो लोग राधा अष्टमी का व्रत करते हैं, उनके सभी पापों का नष्ट हो जाता है। साथ ही उनके घर में धन की कभी कमी नहीं होती। शास्त्रों के मुताबिक, राधा अष्टमी का जो लोग व्रत करते हैं, उनपर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की कृपा होती है। लिहाजा, भगवान श्री कृष्ण को मनाने के लिए लोग पहले राधी जी को प्रसन्न करते हैं। इस व्रत के साथ ही महालक्ष्मी व्रत ( Mahalaxmi Vrat ) की भी शुरुआत होती है।
यहां आपको बता दें कि राधा जी को श्रीराजा बृषभानु और उनकी धर्मपत्नी श्री कीर्ति ने अपनी पुत्री मानकर पाला था। शास्त्रों के मुताबिक, भगवान श्री कृष्ण ने अपने वामपार्श्व से राधा जी को प्रकट किया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीविष्णु ( Shree Vishnu ) ने कृष्ण अवतार से पहले भक्तों को पृथ्वी पर चलने का संकेत दिया था। इसके बाद ही लक्ष्मी जी राधा के रूप में धरती पर आई थीं। ऐसी मान्यता भी है कि राधा रानी एक भाव हैं, जो कृष्ण भक्ति के मार्ग पर चलने से प्राप्त होता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि जो नि:संतान महिलाएं राधा जी का व्रत रखती हैं, उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। राधा अष्टमी व्रत करने से घर में लक्ष्मी जी का भी वास होता है।

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