इस बार राधाष्टमी ( Radha Ashtmi 2020 ) 26 अगस्त यानी आज मनाया जा रहा है। इस त्योहार को लेकर राधा-कृष्ण के भक्तों में खासा महत्व है, खासकर वैष्णव समुदाय में। ऐसी मान्यता है कि जो लोग राधा अष्टमी का व्रत करते हैं, उनके सभी पापों का नष्ट हो जाता है। साथ ही उनके घर में धन की कभी कमी नहीं होती। शास्त्रों के मुताबिक, राधा अष्टमी का जो लोग व्रत करते हैं, उनपर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की कृपा होती है। लिहाजा, भगवान श्री कृष्ण को मनाने के लिए लोग पहले राधी जी को प्रसन्न करते हैं। इस व्रत के साथ ही महालक्ष्मी व्रत ( Mahalaxmi Vrat ) की भी शुरुआत होती है।
यहां आपको बता दें कि राधा जी को श्रीराजा बृषभानु और उनकी धर्मपत्नी श्री कीर्ति ने अपनी पुत्री मानकर पाला था। शास्त्रों के मुताबिक, भगवान श्री कृष्ण ने अपने वामपार्श्व से राधा जी को प्रकट किया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीविष्णु ( Shree Vishnu ) ने कृष्ण अवतार से पहले भक्तों को पृथ्वी पर चलने का संकेत दिया था। इसके बाद ही लक्ष्मी जी राधा के रूप में धरती पर आई थीं। ऐसी मान्यता भी है कि राधा रानी एक भाव हैं, जो कृष्ण भक्ति के मार्ग पर चलने से प्राप्त होता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि जो नि:संतान महिलाएं राधा जी का व्रत रखती हैं, उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। राधा अष्टमी व्रत करने से घर में लक्ष्मी जी का भी वास होता है।