नई दिल्ली। हिंदू धर्म का पवित्र पर्व चातुर्मास 4 जुलाई से शुरू हो गया है। यह 31 अक्टूबर तक जारी रहेगा। चातुर्मास के चार महीनों में व्रत, भक्ति और शुभ कर्म किए जाते हैं। यह आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। वहीं इस व्रत के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल इन चार महीनों में मनुष्य के शरीर की पाचन शक्ति कमजोर पड़ जाती है। इसके साथ ही खाने और पानी में बैक्टीरिया की तादाद भी बढ़ जाती है। जिस वजह से कहा जाता है कि मनुष्य को इन चार महीने सही ढंग से व्रत का पालन करना चाहिए।
ऐसे रखें व्रत तभी होगा लाभ
– चातुर्मास के दौरान फर्श पर सोना चाहिए।
– सूर्योदय के पहले उठना शुभ माना जाता है।
– उठने के बाद स्नान करना चाहिए, साथ ही कोशिश करनी चाहिए की कम से कम बोलना पड़े।
– दिन में केवल एक बार ही भोजन ग्रहण करना चाहिए
कौन से काम नहीं करें?
– शादी, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य वर्जित हैं।
– मांस, सुपारी, मसालेदार खान, पत्तेदार सब्जियां, मिठाई नहीं खानी चाहिए। इसके साथ चातुर्मास में मदिरा का सेवन भी वर्जित है।
– वहीं महीने के हिसाब से श्रावण में पत्तेदार सब्जियां, साग आदि, भाद्रपत में दही, आश्विन में दूध, कार्तिक में प्याज, उड़द, लहसुन को नहीं खाना चाहिए।
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