SP (Detective) Baljit Singh
डीगढ़। आप मेरी चिंता मत करो और आगे बढ़ कर लड़ो…मैं इनको खदेड़ कर ही रहूंगा। ये आखिरी शब्द थे एसपी (डिटेक्टिव) बलजीत सिंह के। वो
बलजीत सिंह, जिन्होंने पंजाब के
गुरदासपुर में आतंकियों के हमले में अदम्य साहस दिखाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।
बलजीत सिंह के साथ आतंकियों से लड़ रहे एएसआई भूपिंदर सिंह ने ये जानकारी दी। भूपिंदर सिंह ने बताया कि आंतकवादी अंधाधुंध गोलियां चला रहे थे। बलजीत थाने की छत पर टंकी की ओट से आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। भूपिंदर सिंह ने एसपी बलजीत सिंह से संभल कर रहने के लिए कहा। इस पर बलजीत सिंह ने चिंता छोड़ने की बात कही। साथ ही कहा कि आतंकियों को खदेड़ कर ही दम लेंगे।
भूपिंदर सिंह ने बताया कि तभी एक गोली बलजीत के सिर के आर-पार निकल गई। बलजीत को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया। कपूरथला के मूल निवासी बलजीत सिंह डेढ़ महीने पहले ही प्रमोशन पाकर एसपी बने थे। सोमवार को दीनानगर थाने में फायरिंग की खबर सुनते ही वह वहां पहुंच गए थे। उन्होंने साथियों के साथ थाने की पहली मंजिल पर मोर्चा संभाल रखा था।
शहीदों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणावहीं पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रेस कांफे्रंस में मृतक पुलिस वालों के परिजनों को 10-10 लाख के मुआवजे और परिवार के सदस्यों को नौकरी का एलान किया है। अन्य मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख के मुआवजे का एलान किया। उन्होंने कहा कि आगे ऎसी घटना न हो इसके लिए पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था और सुदृढ़ की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ लगते अन्य राज्यों को भी अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत। वहीं जिस बस पर फायरिंग हुई उस बस के ड्राइवर की बहादुरी के लिए 15 अगस्त को सम्मानित भी किया जाएगा।