नियमों का रखें ध्यान
एलजी बैजल ने इस योजना के लिए केजरीवाल सरकार की तारीफ की है। एलजी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एक प्रभावी स्वास्थ्य सेवा के लिए सरकारी संस्थानों को मजबूत करने की जरुरत है, क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से निजी हाथों में नहीं सौंपा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ जरुरतमंद को ही मिलना चाहिए। इस योजना में निजी अस्पतालों को शामिल करते हुए पूरी पारदर्शिता का पालन किया जाए। इसके साथ उन्होंने सरकार से लाभार्थी के आय की सीमा निर्धारित करने की सलाह भी दी है। जिससे सरकारी धन का इस्तेमाल गरीब को ही मिल सके।
दिल्ली सरकार ने किया ऐलान
बता दें कि दिल्ली सरकार ने कुछ समय पहले ऐलान किया था कि दिल्ली में रोड एक्सीडेंट के शिकार लोग अब प्राइवेट अस्पतालों में भी फ्री में इलाज करा सकेंगे। इसके अलावा एसिड अटैक और आग लगने की घटनाओं में पीड़ित लोगों का इलाज भी प्राइवेट अस्पतालों में फ्री में होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसका पूरा खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी
340 अस्पतालों के साथ हो चुका है कॉन्ट्रैक्ट
12 दिसंबर को कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। सत्येंद्र जैन ने कैबिनेट में पारित हुए प्रस्तावों की जानकारी देते कहा कि दिल्ली सरकार की इस योजना के तहत 340 प्राइवेट अस्पतालों के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया गया है। अब अगर कहीं भी इन तीनों कैटेगिरी से संबंधित हादसा होता है तो नजदीकी प्राइवेट अस्पताल में पीड़ित को ले जाया जा सकता है, उस अस्पताल में घायल का कोई पैसा नहीं लगेगा।
घायलों की जान बचाने की बढ़ेगी संभावनाएं
जैन ने बताया कि एक्सीडेंट होने पर ऑटो या टैक्सीवाले पास में प्राइवेट अस्पताल होते हुए भी मरीज को सरकारी अस्पताल लेकर जाते हैं जिसमें समय लग जाता है। अब इस स्कीम के बाद घायलों को गोल्डन आवर में इलाज मिल सकेगा जिससे बचने की संभावना बढ़ जाएगी। स्कीम लागू करने के लिए ऑटो और टैक्सीवालों को ही इसका ब्रैंड ऐम्बैसडर बनाया जाएगा। सरकार उनके लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी जिससे वे इस स्कीम को समझकर लोगों की मदद कर सकें।