बिजली मंत्रालय को दी अपनी रिपोर्ट में विशेषज्ञों की एक टीम ने इंजीनियर और ऑपरेटर को मुंबई में आउटेज की ओर ले जाने के लिए ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों-अधिकारियों को दोषी बताया। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह का बयान महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें कहा गया था गत वर्ष अक्टूबर में साइबर हमले की वजह से मुंबई में अचानक बड़े पैमाने पर बिजली कटौती हुई थी। राऊत ने कहा था कि राज्य सरकार, महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने बिजली कटौती होने की इस घटना की जांच के लिए अलग-अलग समितियां बनाई थीं। उन सभी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
बता दें कि गत वर्ष 12 अक्टूबर को ग्रिड फेल होने से मुंबई में बड़े पैमाने पर बिजली कटौती हुई थी। बिजली कटौती से ट्रेन जहां की तहां रूक गई थीं। लॉकडाउन में घर से काम करने वालों के काम पर भी असर पड़ा था। यही नहीं, इसका सीधा असर आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ा था।
नितिन राऊत ने कहा था कि तब हमने साइबर सेल में शिकायत की थी और उनकी रिपोर्ट का हम इंतजार कर रहे हैं। हमारे पास जो शुरुआती जानकारी है, उसके मुताबिक यह साइबर हमला था और यह एक तरह से विध्वंस था।