13 मार्च, 2020 को जारी दिल्ली सरकार ( Delhi Government ) के आदेश का हवाला देते हुए आतिशी ने निजामुद्दीन ( Nizamuddin ) मरकज के प्रशासकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि तीन दिन की धार्मिक सभा आयोजित करने वाले निजामुद्दीन मरकज़ के प्रशासकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। तबलीगी की इस सभा में 13 से 15 मार्च के बीच एक हजार से ज्यादा लोग लोग शामिल हुए थे। ऐसा तब हुआ जब दिल्ली सरकार ने 13 मार्च को ही सभाओं या 200 से अधिक व्यक्तियों के जमा होने पर रोक लगा दी थी।
Coronavirus lockdown: तब्लीगी जमात क्या है और किसने इसे शुरू किया, जानें सब कुछ आप विधायक ने एक अन्य ट्वीट में निजामुद्दीन थाने और निजामुद्दीन मरकज़ के बीच की दूरी को दिखाने के लिए एक स्क्रीनशॉट टैग किया। आप नेता ने कहा कि हज़रत निजामुद्दीन थाना निजामुद्दीन मरकज के बिल्कुल पास है। दिल्ली सरकार के आदेश की अवहेलना कर 13-15 मार्च तक एक हजार से ज्यादा लोगों के जुटने पर दिल्ली पुलिस ने मरकज़ के प्रशासकों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की?
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि 12 मार्च के दिल्ली सरकार की अधिसूचना में भी कहा गया था कि जो भी कोविड-19 से प्रभावित देशों की यात्रा से हाल में लौटा हों वे खुद को पृथक कर ले। तो फिर मरकज के प्रशासकों ने उन देशों से आने वाले लोगों को अलग थलग करना क्यों सुनिश्चित नहीं किया? उन्होंने गृह मंत्रालय द्वारा इस मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
बिहार सरकार अलर्ट: राज्य की सीमाएं सील, नीतीश बोले— न किसी को आने देंगे और न जाने देंगे बता दें कि दिल्ली का निजामुद्दीन इलाका भारत में कोविड-19 के एक केंद्र के तौर पर सामना आ रहा है। पिछले कुछ दिनों में यहां से कई लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, थाईलैंड, किर्गिस्तान, अफगानिस्तान समेत कई देशों के 2 दो हजार से ज्यादा लोगों ने 13 से 15 मार्च के बीच निजामुद्दीन तबलीगी जमात के जलसे में हिस्सा लिया। इनमें से 24 लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो चुकी है।