शादियों पर ‘सरकारी लॉकडाउन’ ने बढ़ाई जनाती-बाराती की टेंशन
सरकार की नई गाइडलाइन से परेशान में आ गए हैं शादी करने और कराने वाले।
अलग-अलग राज्यों में मेहमानों की सीमा, मास्क, सैनेटाइजर, स्क्रीनिंग अनिवार्य।
सड़कों पर बैंड-बाजा और बारात निकालने की अनुमति नहीं दी गई।
Lockdown on marriages! Govt guidelines big tension for families of bride and groom
नई दिल्ली। आज मेरे यार की शादी है… ये गाना सुनते ही शादी-ब्याह की रौनक आंखों के सामने जगमगाने लगती है। लेकिन कोरोना महामारी ने दुनिया को हिलाकर रख दिया है, तो शादी-ब्याह जैसे आयोजन भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं। कोरोना की मार हर क्षेत्र के लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन गई है। वैवाहिक समारोह में मेहमानों की सीमा समेत तमाम चीजों पर भी सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए है। शादी में लागू पाबंदियों से लोग असमंजस की स्थिति में आ गए हैं।
सरकार ने राजधानी दिल्ली की शादी में 50 लोगों की उपस्थिति ही मुमकिन बताई है, तो यूपी और बिहार की शादी में केवल 100 लोग ही शामिल हो सकते है। नवंबर आते ही सहालग के साथ शादी का सीजन शुरू हो जाता है। शुभ मुहूर्त आते ही लोगों के यहां पर वैवाहिक कार्यक्रम चालू हो जाते हैं, लेकिन इस साल कोरोना की वजह से शादी का मजा किरकिरा हो गया है। आलम तो ये है कि कई घरों में शादियों के कार्ड तक बांट दिए गए हैं, लेकिन सरकार की शादी की नई गाइडलाइंस ने सभी को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है।
दिल्ली निवासी राम मोहन पांडेय की परेशानी इस माह के अंत में तब बढ़ गई, जब उत्तर प्रदेश सरकार ने शादी में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को 200 से घटाकर 100 कर दिया। उनकी शादी 30 नवंबर को नोएडा में होनी है। हर दूल्हे के परिवार की तरह राम मोहन और उसके परिजनों ने शादी की सारी तैयारियां खूब जोर-शोर से कर रखी हैं। शादी के कार्ड सभी रिश्तेदारों में बांटे जा चुके थे और बैंक्वेट हॉल भी लोगों की गिनती के अनुसार बुक किया जा चुका था और खाने का मेन्यु भी तैयार किया जा चुका था।
पर मामला तो तब बिगड़ा जब इन सभी तैयारियों के बीच यूपी सरकार ने शादी-समारोहों में 100 लोगों की ही उपस्थिति का आदेश जारी कर दिया। राम मोहन के परिवार वालों के लिए सरकार की ये नई गाइडलइन मुसीबत बन गई हैं। राम का कहना है कि अब आखिरी मौके पर आने से परिजनों को रोका नहीं जा सकता है। और तो और खाने के सामान में कटौती करने के लिए कैटर्स भी इनकार कर रहे हैं। बैंड-बाजा-बग्घी-आतिशबाजी वाले की एडवांस बुकिंग भी बेकार गई और शादी में मस्ती का मजा किरकिरा हो गया।
इसी तरह बिहार सरकार के गृह विभाग ने भी 26 नवंबर से 30 दिसंबर तक गाइडलाइंस लागू की हैं। वक्त रहते इस गाइडलाइन को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। शादी में 100 मेहमानों से ज्यादा की अनुमति नहीं है, जबकि 100 की लिस्ट में कैटरिंग स्टाफ भी शामिल है।
इसके अलावा शादी में शामिल होने वाले सभी परिजनों का स्वागत सैनेटाइजर से किया जाएगा और थर्मल स्क्रीनिंग भी अनिवार्य है। शादी में शामिल होने वाले सभी परिचितों को मास्क पहनना अनिवार्य है। शादी में जहां लोग सड़कों पर बैंड-बाजा में खूब एंज्वाय करते हैं, वहीं इस बार सरकार ने सड़कों पर बैंड-बाजा-डीजे और बारात निकालने की परमिशन नहीं दी है। हालांकि वैवाहिक स्थल पर इसकी अनुमति दे दी गई है।
जहां एक ओर सरकार की इस नई गाइडलाइन से शादी के परिवारों यानी जनाती-बाराती सभी लोग परेशान हैं, वही शादी कराने वाले मैरिज हॉल के ओनर्स का भी हाल बेहाल है। बिहार स्थित शुभम मैरिज हॉल के प्रबंधक रोहित सिंह का कहना है कि सरकार की नई गाइडलाइन जारी होने के बाद पांच लोगों ने शादी के कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। जिन घरों में विवाह की रस्में पूरी हो चुकी हैं और रिसेप्शन बाकी है, वे मेन्यू में बदलाव करवा रहे हैं। जिससे उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।