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तीन दिन से संसद में कामकाज ठप: जनता के 30 करोड़ रुपए हो गए स्वाहा, जिम्मेदार कौन?

संसद सत्र के प्रत्येक मिनट की कार्यवाही पर करीब ढाई लाख रुपए खर्च होते हैं। इस बजट सत्र में तीन दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं।

नई दिल्लीMar 07, 2018 / 04:56 pm

Chandra Prakash

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र शुरु हुए तीन दिन हो चुके हैं लेकिन काम के नाम पर कुछ नहीं हुआ है। बुधवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ। जहां राज्यसभा में बैंकों में घोटाले, आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने और प्रेरियार की मूर्ति क्षतिग्रस्त किए जाने के मुद्दों पर हंगामे के कारण कार्यवाही लगातार तीसरे दिन बाधित रही और कोई कामकाज नहीं हो सका, तो लोकसभा की कार्यवाही भी पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। आज के स्थगन से 16 करोड़ रुपए से ज्यादा स्वाहा हो चुके हैं, ये पैसे देश की जनता अपने खून पसीने की कमाई से टैक्स के रूप में सरकार को देती है।
नियम 267 के तहत चर्चा की उठी मांग
बुधवार को भोजनावकाश के बाद उप सभापति पी जे कुरियन ने जैसे ही कार्यवाही शुरू करनी चाही तो कांग्रेस , तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, द्रमुक और तेलुगु देशम के सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। कुरियन ने कहा कि वह बैंक घोटाले के मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा शुरू कराने को तैयार हैं लेकिन कांग्रेस का कहना था कि इस पर नियम 267 के तहत चर्चा कराई जानी चाहिए। इस पर कुरियन नहीं माने और उन्होंने अल्पकालिक चर्चा शुरू कराने की बात कही। इस बीच आसन के निकट मौजूद सदस्यों ने हंगामा जारी रखा।
सरकार ने विपक्ष पर फोड़ा ठीकरा
संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने भी कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्षी सदस्य अपनी बात पर अड़े रहे । सदन में अव्यवस्था का माहौल देखते हुए श्री कुरियन ने दो मिनट में ही कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
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एक मिनट की कार्यवाही पर ढाई लाख खर्च
आमतौर पर राज्यसभा में एक दिन में पांच घंटे और लोकसभा में छह घंटे काम होता है, यानि दोनों को मिलाकर कुल 11 घंटे कामकाज होता है। संसद सत्र के प्रत्येक मिनट की कार्यवाही पर करीब ढाई लाख रुपए खर्च होते हैं। इस हिसाब से 11 घंटे पर कुल खर्च 16 करोड़ 50 लाख रुपए बनता है।
तीन दिन में 30 करोड़ स्वाहा
अब अगर बीते तीन दिन की बात करें तो राज्यसभा में काम काज के कुल 15 घंटे बर्बाद हुए हैं। इस हिसाब से 22 करोड़ 50 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है। इसमें बुधवार की कार्यवाही का स्थगन भी शामिल है। यानि कुल मिलाकर 30 करोड़ रुपए स्वाहा हो गए। बर्बाद हुआ ये पैसा सरकार का नहीं बल्कि जनता के टैक्स का पैसा होता है।

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