जी हां यह दृश्य दिल्ली की लोकसभा का नहीं, अपितु शहर के वात्सल्य स्कूल में लोकसभा की तर्ज पर लगाई गई बाल संसद का है। वात्सल्य स्कूल में शनिवार को बाल संसद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बाल कल्याण आयोग के अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा ने किया। इस दौरान स्कूल परिसर में पूरी तरह लोकसभा की तर्ज पर व्यवस्था की गई थी। बाल संसद के शुभारंभ अवसर पर लोसभा अध्यक्ष बनीं वात्सल्य स्कूल की कक्षा 10 की छात्रा सृष्टा चौहान जैसे ही सदन में आईं, तो पक्ष-विपक्ष के सभी सांसदों ने खड़े होकर उनका सम्मान किया।
टेबलें ठोंकी और अपनी बात रखी
इस दौरान मैदान में एक तरफ प्रधानमंत्री बने माधवगंज क्रमांक-2 के विद्यार्थी विशाल प्रजापती, शिक्षा मंत्री बनीं ट्रिनीटी कान्वेंट स्कूल की कक्षा नवमी की छात्रा आंचल श्रीवास्तव सहित सभी मंत्री और सत्ता पक्ष के सांसद बैठे हुए थे। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की नेता बनीं ट्रिनीटी कान्वेंट हासें स्कूल की कक्षा नवमीं की छात्रा शुभांशी लश्करी सहित अन्य विपक्ष के सांसद बैठे हुए थे। लोकसभा अध्यक्ष के आगमन के बाद सदन की कार्रवाई शुरु हुई। इस दौरान कई बार सत्ता पक्ष के सांसद टेबिल बजाकर समर्थन कर अपने मंत्रियों का समर्थन कर रहे थे, तो कई बार विपक्ष के सांसद टेबिलें ढोककर अपनी बात रखते नजर आए। पूरा माहौल लोकसभा जैसा ही नजर आ रहा था।
बाल श्रमिकों का उठाया मुद्दा
इस दौरान विपक्ष के एक सांसद ने बाल श्रमिकों के मुद्दे के उठाते हुए कहा कि आज लाखों की संख्या में बाल श्रमिक विभिन्न कंपनी, फैक्ट्री आदि में कार्य कर रहे हैं और शिक्षा से वंचित हैं। उनके लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं। जिसका जवाब सत्ता पक्ष के श्रम मंत्री ने जवाब दिए। वहीं विपक्ष के एक सांसद ने महिला बाल विकास मंत्री से पूछा कि महिलाओं, किशोरियों और बच्चों की दशा सुधारने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं। इसी प्रकार विपक्ष के एक सांसद ने आसानी से पासपोर्ट बनवाने के लिए किए गए प्रयास का सवाल किया। इसी प्रकार विपक्ष के अन्य सांसदों ने एक के बाद एक लगातार सवाल किए। जिनके जवाब संबंधित मंत्रियों ने दिए। इन सब के बीच प्रधान मंत्री का उद्बोधन लोगों की आकृषण का केंद्र रहा।
विदिशा की संसद का प्रस्ताव देश का भविष्य बदलेगा
कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर बाल कल्याण आयोग अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि देश कैसे चलता है, संसद में कैसे कार्य होता है, सत्ता पक्ष और विपक्ष किस तरह से एक-दूसरे से सवाल-जवाब करते हैं। इससे बच्चे अवगत हों इसलिए इस बाल संसद का आयोजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस संसद में ऐसे सवाल-जवाब विद्यार्थी करें, जो देश की संसद में भी उठाए जा सकें और उन्हें संसद को पास करना पड़े। उन्होंने कहा कि यहां आयोजित तीन घंटे की संसद विदिशा की नहीं अपितु देश की संसद है। उन्होंने विद्यार्थियों को समझाया कि सबसे बड़ी पार्टी जिसके सर्वाधित सांसद होते हैं वह सत्ता में आती है और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी विपक्ष में बैठती है।
उन्होंने संसद की कार्रवाई से विद्यार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सांसदों की कम उपस्थिति के कारण महज 25 से 30 सांसद देश का भविष्य तय करते हैं यह बदलना चाहिए। जिला पंचायत अध्यक्ष तोरणसिंह दांगी ने कहा कि देश का विकास सिर्फ युवा पीढ़ी कर सकती है। इसलिए उन्हें संसद की कार्रवाई को समझना बेहद जरूरी है।
नगरपालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन ने कहा कि लोकतंत्र की व्यवस्था से बच्चों को अवगत होना बेहद जरूरी है। मंजरी जैन ने कहा कि यह अनूठा कार्यक्रम बच्चों की योग्यता को परखने का माध्यम बनेगा और बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
कलेक्टर अनिल सुचारी ने कहा कि सत्ता पक्ष जब निरंकुश होने लगता है, तो विपक्ष उस पर लगाम कसता है। संसद देश की महत्वपूर्ण संस्था है। इसलिए आम जनता को जानना जरूरी है कि संसद कैसे चलती है। डीईओ एचएन नेमा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। मंच संचालन प्रो. दीप्ती शुक्ला ने किया। इस दौरान स्कूल स्टॉफ सहित बड़ी संख्या में विभिन्न स्कूल के विद्यार्थी मौजूद रहे।