ठाकरे बुधवार को फिर से भूमिपुत्रों के पास पहुंच गए। उन्होंने कहा कि मजदूरों की कमी के कारण मेट्रो और अन्य परियोजनाओं में काम करने के लिए स्थानीय निवासियों को की आवश्यकता है। मई में ठाकरे ने पहली बार राज्य के भूमिपुत्रों से अपील की थी कि वे महाराष्ट्र को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए लॉकडाउन के बाद से शुरू होने वाले उद्योगों में काम करें।
मंत्रालय ने दी जानकारी, कब खुलेंगे स्कूल और कब आएंगे CBSE के 10वीं-12वीं के नतीजे ठाकरे ने बुधवार को स्थानीय युवाओं से महामारी के कारण पैदा हुए आपातकालीन हालात का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “प्रवासी मजदूर अपने मूल स्थानों पर चले गए हैं। उनके लौटने की प्रतीक्षा किए बिना, डिविजन के हिसाब से कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों की एक सूची जरूर तैयार की जानी चाहिए। नौकरियों की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी जुटाई जानी चाहिए। फिर लोगों की उपलब्धता के लिए इसका राज्य भर में विज्ञापन किया जाना चाहिए, खासकर उन स्थानों पर जहां मेट्रो परियोजनाएं चल रही हैं, ताकि भूमिपुत्रों को रोजगार मिले।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह आवश्यक सेवाओं के श्रमिकों के लिए उपनगरीय ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के साथ परामर्श कर रहे थे। हालांकि उन्होंने चेतावनी भी दी कि ट्रेनें शुरू होने पर सावधानी बरतना बहुत जरूरी है और अगर भीड़ जुटी या सोशल डिस्टेंसिंग आदि नियमों का उल्लंघन किया गया, तो लॉकडाउन के प्रतिबंध फिर से लगाए जाएंगे।
मुंबई ( Mumbai ), पुणे ( Pune ) और नागपुर में मेट्रो ( Metro ) परियोजनाओं और मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक परियोजना के लिए एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए ठाकरे ने इस बात पर भी जोर दिया कि कौशल विकास विभाग के समन्वय में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के दो विशेषज्ञों का बड़ा दावा, इस महीने तक खत्म होगा भारत में कोरोना वायरस का कहर उन्होंने कहा, “सरकार छूट देने के बाद स्थिति का आकलन कर रही है। छूट के पहले दिन कुछ भीड़ थी जिसने चिंता पैदा की। अगर यह महसूस किया गया कि ये छूट घातक हो सकती है, तो हमारे पास फिर से लॉकडाउन प्रतिबंध लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।”
जहां मुंबई महानगर क्षेत्र और पुणे को छोड़कर समूचे राज्य में उद्योगों ने परिचालन फिर से शुरू कर दिया है, कई उद्योगों ने मजदूरों की कमी की शिकायत की है। अनुमान लगाया गया है कि बीते 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ( Covid-19 Lockdown in india ) शुरू होने के बाद से अनुमानित 24 लाख अंतर-राज्यीय प्रवासी महाराष्ट्र छोड़कर चले गए हैं।