बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल को निर्देश दिया था कि राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा इस्तेमाल किए गए समर्थन पत्रों को अदालत में पेश किया जाए। इसके साथ ही सभी पक्षों से अपना-अपना हलफनामा भी देने को कहा हैा
– महाराष्ट्र मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी
– तुषार मेहता ने दलील शुरू की
– राज्यपाल की चिट्ठी कोर्ट में सौंपा
– सॉलिसीटर जनरल ने राज्पाल की चिट्ठी कोर्ट को सौंपी राज्यपाल की चिट्ठी पढ़ी जा रही है
समर्थन पत्र मिलने के बार सरकार बनाने के लिए बुलाया
समर्थन पत्र मिलने के बाद राज्यपाल ने फडणवीस को सीएम बनया
राज्यपाल ने माना फडणवीस के पास 170 विधायक थे
रविवार को सुप्रीम कोर्ट में करीब एक घंटे तक बहस चली थी। याचिकाकर्ता शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की ओर से जहां सदन में जल्द बहुमत परीक्षण कराने पर जोर दिया गया, वहीं सत्ता पक्ष ने संबंधित याचिका पर सवाल उठाए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सुनवाई सोमवार (25 नवंबर) तक स्थगित कर दी।
याची की ओर से महाराष्ट्र में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री की शपथ दिलाने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी गई है। रविवार को इस याचिका पर सुबह 11.34 बजे जस्टिस एनवी रमन,जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की ओर से उनके गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का आग्रह किया गया।
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की ओर से दलील दी गई कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास बहुमत नहीं है। अगर उनके पास बहुमत है तो उन्हें 24 घंटे के भीतर सदन में इसे साबित करना चाहिए।
शीर्ष कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र व महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति एनवी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि वे राष्ट्रपति शासन हटाने की अनुशंसा व सरकार बनाने का आमंत्रण देने वाले दस्तावेज देखना चाहते हैं। इस मामले में सोमवार सुबह 10:30 बजे सुनवाई होगी।