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महाराष्ट्: कोरेगांव-भीमा संग्राम की 210वीं बरसी की तैयारी शुरू, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को भीम सेना के प्रेसिडेंट चंद्रशेखर आजाद, सात अन्य नेताओं और करीब 350 कार्यकर्ताओं को मलाड, घाटकोपर, कांदीवली, दादर, वर्ली और अन्य इलाकों से हिरासत में लिया।

नई दिल्लीDec 30, 2018 / 01:44 pm

Saif Ur Rehman

#Bhimakoregaon

महाराष्ट्: कोरेगांव-भीमा संग्राम की 210वीं बरसी की तैयारी शुरू, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने कोरेगांव-भीमा संग्राम की 210वीं बरसी पर होने वाले कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी है। कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि एहतियात और सुरक्षा के मद्देनजर कई कदम उठाए गए हैं। कोरेगांव-भीमा गांव और उसके चारों ओर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है क्योंकि कहा जा रहा है कि यहां पूरे प्रदेश से आठ से 10 लाख लोग मंगलवार (एक जनवरी) को एकत्र हो सकते हैं।
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पिछळे साल हुई थी हिंसा
गत वर्ष उत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे करीब 3,00,000 लोगों की भीड़ हिंसात्मक बन गई, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी। इसके बाद तीन जनवरी को महाराष्ट्र बंद रहा और इस घटना के बाद एक बड़ी जातीय व विचारधारा की राजनीति की हलचलें तेज हो गईं। बाद में पुलिस ने छापेमारी कर मानवाधिकार, नागरिक अधिकार और सिविल सोसायटी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। पुलिस की यह कार्रवाई कोरेगांव-भीमा की 200वीं बरसी से एक दिन पहले पुणे में 31 दिसंबर 2017 को हुई प्रेस कान्फ्रेंस के सिलसिले में शहरी नक्सलियों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के मद्देनजर की गई थी। बता दें कि मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को भीम सेना के प्रेसिडेंट चंद्रशेखर आजाद, सात अन्य नेताओं और करीब 350 कार्यकर्ताओं को मलाड, घाटकोपर, कांदीवली, दादर, वर्ली और अन्य इलाकों से हिरासत में लिया।
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1817 में हुई जंग
अंग्रेजों और मराठों के बीच हुए तीसरे ऐतिहासिक संग्राम की बरसी की याद में होने वाले समारोह में लोग यहां इकट्ठा होते हैं। 1817 में यह संग्राम सबल अंग्रेजी सेना के 834 सैनिकों और पेशवा बाजीराव द्वितीय की मजबूत सेना के 28,000 जवानों के बीच हुआ था, जिसमें मराठा सेना पराजित हो गई थी। अंग्रेजों की सेना में ज्यादातर दलित महार समुदाय के लोग शामिल थे। अंग्रेजों ने बाद में वहां विजय-स्तंभ बनाया। दलित जातियों के लोग इसे ऊंची जातियों पर अपनी विजय के प्रतीक मानते हैं और यहां नए साल पर एक जनवरी को पिछले 200 साल से सालाना समारोह आयोजित होता है।

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