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मालेगांव ब्लास्टः 10 साल बाद सभी 9 आरोपी बरी

देश के बहुचर्चित मालेगांव ब्लास्ट केस में मुंबई की एक कोर्ट ने सभी 9 आरोपियों को बरी कर दिया है

Apr 26, 2016 / 12:52 am

सुनील शर्मा

malegaon accused released by mumbai court

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मुंबई। महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में वर्ष 2006 में हुये बम विस्फोट मामले में सोमवार को मुंबई की एक अदालत ने सबूत के अभाव में सभी नौ आरोपियों को बरी कर दिया। बरी किए गए आरोपियों में एक की मृत्यु हो चुकी है।

गौरतलब है कि मालेगांव में वर्ष 2006 में हुए विस्फोट में 37 लोग मारे गये थे और 137 से अधिक लोग घायल हो गये थे। इस मामले में गिरफ्तार असीमानंद के बयान के आधार पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इन आरोपियों को बरी करने के लिए याचिका दाखिल की थी। न्यायाधीश वी वी पाटिल की अदालत ने इस मामले में कुल नौ लोगों को बरी किया। एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है। छह आरापी जमानत पर रिहा थे जबकि दो लोगो को मुंबई में 7/11 ट्रेन विस्फोट मामले में सजा सुनायी जा चुकी है।

नुरूलहुदहा समसुद दोहा, शब्बीर अहमद माशीउल्लाह, रयीस अहमद रज्जाब अली, सलमान फारसी, फारोघ इकबाल मगदुमी, शेख मोहम्मद अली आलम शेख, आसिफ खान बशीर खान और मोहम्मद जाहिद अब्दुल मजीद को बरी किया गया। राज्य के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने इन सभी नौ लोगों को प्रतिबंधित सिमी का सदस्य होने का आरोप लगा कर गिरफ्तार किया था।

एनआईए ने किया था विरोध
एनआईए के वकील प्रकाश शेट्टी ने सभी आरोपियों को बरी करने की सुनवाई का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि भले ही सभी आरोपियों के खिलाफ सबूत ना मिले हों, लेकिन तकनीकी स्तर पर उन्हें अभी बरी करना ठीक नहीं होगा। कोर्ट ने एनआईए की अपील दरकिनार कर उन्हें बरी कर दिया।

एटीएस तथा सीबीआई ने दाखिल किया था आरोप पत्र
ब्लास्ट के बाद एटीएस तथा सीबीआई ने मामले की जांच पड़ताल की थी तथा सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। 2014 में एनआईए द्वारा मामले की जांच अपने हाथ में लिए जाने के बाद दक्षिणपंथी हिंदू संगठन अभिनव भारत के सदस्यों को आरोपी बताया गया। बाद में इसी संगठन के सदस्यों को ही 2008 में हुए दूसरे मालेगांव ब्लास्ट का भी दोषी बताया गया।

असीमानंद पलटे बयान से
समझौता ट्रेन ब्लास्ट केस के मुख्य आरोपियों में एक स्वामी असीमानंद ने सुनील जोशी नाम के एक व्यक्ति का हवाला देते हुए दोनों ब्लास्ट में एक ही संगठन का हाथ होने का बयान दिया था हालांकि सुनील जोशी की हत्या के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया।

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