मोदी सरकार को पिछले कुछ दिनों में लगातार आर्थिक मोर्चे पर कई झटके मिले हैं। बेरोजगारी की बढ़ती समस्या के साथ-साथ दुनिया की कई आर्थिक एजेंसियों ने भारत की जीडीपी के अनुमान को घटाया है। कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने कहा कि योजना आयोग के आधार पर हम विकास की गति को आगे बढ़ाते तो साल 2024-25 5 ट्रिलियन इकॉनोमी का सपना पूरा हो सकता था। लेकिन, वर्तमान हालात को देखकर ऐसा कुछ भी नहीं लग रहा हैै।
पूर्व पीएम ने कहा कि केन्द्र सरकार को आज कई मुद्दों पर बातचीत करना जरूरी है। क्योंकि, ऐसा देखा जा रहा है कि आज की सरकार मंदी जैसे शब्द को स्वीकार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर मुश्किलों को पहचाना नहीं जाएगा तो सही जवाब नहीं मिल सकता है, जो कि सबसे बड़ा खतरा है। पूर्व पीएम ने कहा कि सरकार का 8 फीसदी की अधिक गति से विकास को आगे बढ़ाने की सोचना चाहिए, लेकिन इसके लिए विल पावर की जरूरत है। पूर्व पीएम ने कहा कि इस वक्त देश में टैक्स रिफॉर्म की जरूरत है।
मनमोहन सिंह के अलावा पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। पी. चिदंबरम ने कहा कि आज मरीज की हालत खराब है और उसे ICU में नहीं ले जाया जा रहा है, बस उसे ICU के बाहर ही खड़ा किया गया है। चिदंबरम ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई बढ़ रही है। लेकिन, हाल ये है कि केन्द्र सरकार कोई समाधान नहीं निकाल रही है। उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।