विविध भारत

अब मुंबई में मराठी परिवार को फ्लैट बेचने से किया इनकार

एक कंपनी ने बिजनसमैन से साफ कह दिया कि ये फ्लैट्स
महाराष्ट्र के लोगों, मुस्लिमों और नॉनवेज खाने वालों के लिए नहीं है

May 30, 2015 / 08:07 am

Rakesh Mishra

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मुंबई। मकान खरीदने और किराए पर लेने वालों के साथ भेदभाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब ताजा मामला मुंबई का है, जहां एक कंपनी ने बिजनसमैन से साफ कह दिया कि ये फ्लैट्स महाराष्ट्र के लोगों, मुस्लिमों और नॉनवेज खाने वालों के लिए नहीं है।

27 वर्षीय बिजनसमैन वैभव रहाते ने पिछले महीने मलाड़ वेस्ट के एक टॉवर में फ्लैट बुक कराने की कोशिश की, लेकिन वहां से मिले जवाब से वे हैरान हो गए। इसके बाद उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की। वैभव का आरोप है कि पुलिस से जब कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम के साथ मलाड़ पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस पर जोनल डीएसपी विक्रम देशमाने ने मलाड़ पुलिस को मामले की जांच करने और एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।

वहीं बिल्डर श्रीनाथ जी ग्रुप ऑफ डिवेलपर्स ने भेदभाव के आरोपों को खारिज किया। श्रीनाथ जी ग्रुप के प्रवक्ता सागर बेकाल का कहना है कि हम वैभव रहाते की अप्रोच के चलते उनसे डील नहीं कर पाए। वह जिस तरह से हमारे स्टाफ से बात कर रहे थे, उससे संशय की स्थिति बनी हुई थी। हम अपने सभी ग्राहकों के साथ सौहार्दपूर्ण बर्ताव करते हैं। हम उस प्रोजेक्ट में फ्लैट्स एक सिंधी ग्राहक और दुकान पंजाबी ग्राहक को बेच चुके थे। हमारी कंपनी के एक डायरेक्टर भी महाराष्ट्र से ही हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले इससे पहले गुजरात की मिस्बाह कादरी ने आरोप भी आरोप लगाया था कि उन्हें मुंबई की एक हाउसिंग सोसाइटी ने फ्लैट से मुस्लिम होने के चलते निकाल दिया। कादरी ने बुधवार को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से इसकी शिकायत की थी। पिछले सप्ताह गुजरात के ही एक एमबीए ग्रैजुएट ने हीरा कंपनी पर मुस्लिम होने के चलते नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया था। अल्पसंख्यक आयोग इस आरोप की जांच कर रहा है।

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