नई दिल्ली। उरी आतंकी हमले में शहीद जवानों की पत्नियों ने भारतीय सेना के पीओके में घुसकर आतंकियों को मारने की कार्रवाई पर कहा है कि अब जाकर उनके कलेजे को ठंडक मिली है। शहीदों के परिजनों का कहना है कि सेना को तब तक ऐसे हमले करने चाहिए जब तक कि आतंकियों का खात्मा नहीं हो जाए।
बलिया के सपूत लांसनायक राजेश कुमार यादव की गर्भवती पत्नी बेबी सेना ने कहा कि हमारा और हमारे परिवार का दुख तो कोई कम नहीं कर सकता है, लेकिन इसे सुनकर कलेजे में ठंडक पहुंची है। अगर यह कार्रवाई इसके पहले देश में हुए आतंकी हमले के दौरान करती तो शायद उनका सुहाग नहीं उजड़ता। गाजीपुर के देवपुरा गांव में बिजली कटने के कारण रेडियो पर सर्जिकल स्ट्राइक की खबर सुनकर भारत माता की जय के साथ “जब तक सूरज चांद रहेगा, हरेंद्र तुम्हारा नाम रहेगा” नारों से गूंज उठा।
बिहार में गया जिले के सुनील कुमार विद्यार्थी की पत्नी किरण कुमारी ने भारतीय सेना की इस कार्रवाई को उचित बताया और कहा कि समाचार चैनलों से उन्हें इसकी जानकारी मिली है। यह कार्य यदि दस दिन पूर्व ही हो जाता तब उरी में देश के जवान शहीद नहीं होते । उन्होंने कहा कि इसका नुकसान पाकिस्तान के लोगों को नहीं होना चाहिए क्योंकि वह भी हमारी ही तरह हैं। सिर्फ आतंकियों को ही निशाना बनाया जाना चाहिए। वहीं शहीद की बेटी आरती ने कार्रवाई को सही बताते हुए कहा कि इससे अब आतंकी हमले नहीं होंगे।
उरी हमले में ही शहीद हुए भोजपुर जिले के पीरो निवासी अशोक सिंह की पत्नी संगीता देवी ने कहा कि आज उनके कलेजे को ठंडक पहुंची है। सेना की ओर से इस तरह की कार्रवाई होती रहनी चाहिए। दुश्मनों को सबक सिखाने के लिये जरूरत पड़ी तो वह दो -चार और च्अशोकज् की शहादत के लिये तैयार हैं। वहीं उरी हमले में ही अपने पति राकेश को खो देने के बाद से गुमसुम रह रही कैमूर जिले की किरण देवी को जैसे ही भारतीय सैनिकों की इस कार्रवाई की जानकारी मिली वह थोड़ी सी बेहतर नजर आयीं। उन्होंने कहा कि जो शहीद देश के काम आये वह लौटने वाले तो नहीं लेकिन आतंकियों का सफाया होने से शहीदों की आत्मा को शांति मिलेगी।
Home / Miscellenous India / सेना का सर्जिकल अटैक: शहीदों की पत्नियां बोलीं, अब पहुंची कलेजे में ठंडक