रिमेट के जरिए निकाला गया दूसरा शव
रेस्क्यू टीम के अधिकारी ने कहा कि अंडरवॉटर रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (यूआरओवी) के जरिए पानी की सतह पर लाया गया। शनिवार तड़के 3 बजे दूसरा शव कि बुरी तरह से क्षत-विक्षत हालात में बाहर निकाला गया। टीम के दौरान कुदाली भी मिली है। इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ से नेवी तक की तमाम टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं।
200 फीट पर दो दिन पहले मिला था पहला शव
24 जनवरी को खदान से निकाले गए पहले मृतक की पहचान आमिर हुसैन के रूप में हुई। रेस्क्यू टीम को ये शव 200 फीट की गहराई पर बरामद हुआ था। वह पश्चिमी असम के चिरांग जिले का रहने वाला था। पुलिस ने आमिर का शव उसके परिजनों को सौंप दिया।
खदान में पानी भरने से फंस गए मजदूर
राजधानी शिलॉंग से 130 किलोमीटर दूर क्सान गांव स्थित अवैध खदान में 13 दिसंबर को 20 मजदूर घुसे थे। कुछ ही देर बाद एक मजदूर ने गलती से दीवार पर हथौड़ा मार दिया, जिससे पास में बहने वाली लैटीन नदी का पानी खदान में घुसने लगा। आनन फानन में केवल पांच मजदूर ही खदान से बाहर निकलने में सफल हो पाए थे लेकिन 15 मजदूर बाहर नहीं आ सके।
20 में से सिर्फ 5 मजदूर निकल पाए थे बाहर
इस खदान में घुसने और बाहर आने का एक ही रास्ता है, जो बेहद सकरा है। जिसकी वजह से इस खदान को ‘रैट होल’ कहा जाता है। 15 मजदूरों के फंसने के बाद भी पुलिस को इसकी जानकारी नहीं मिली, क्योंकि ये खदान अवैध है।
सुप्रीम कोर्ट में जारी है सुनवाई
राज्य सरकार ने अपने स्तर पर रेस्क्यू चलाने के बाद कोशिश बंद कर दी थी। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट लगातार इस मामले की सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने मेघालय सरकार से पूछा था कि क्या उन्होंने अवैध खदानों पर कोई कार्रवाई की? जिसके बाद पुलिस ने खदान के मालिक पर आपराधिक मामला दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया। मजदूरों के परिवारों का कहना है कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक वे चाहते हैं कि सभी शवों को बाहर निकाला जाए।