Fake News को लेकर Modi Govt का बड़ा एक्शन
IB Ministry ने Fact Check का उपाय बताने के लिए निकाला Tender
Cyber Expert बोले- सरकार करवा सकती है लोगों की निगरानी
फेक न्यूज को लेकर सख्त मोदी सरकार
नई दिल्ली। देश में फेक न्यूज ( Fake News ) के बढ़ते दायरे पर नकेल कसने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ( Modi Govt ) ने कमर कस ली है। इसके तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ( IB Ministry ) के अंतर्गत आने वाली ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड ( BECIL ) ने टेंडर ( Tender ) निकाला है। खास बात यह है कि इन टेंडरों में सरकार ने फैक्ट चेकिंग ( Fact Check ) और गलत खबरों की पहचान के लिए एजेंसियों को उपाय देने को कहा है।
सोशल मीडिया पर बढ़ते फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने खुद मोर्चा संभाला है। बेसिल की ओर से निकाले गए टेंडरों में फैक्ट चेकिंग और फर्जी खबरों की पहचान के लिए एजेंसिंयों को समाधान बताने का निमंत्रण दिया गया है।
सरकार करेगी अवैध निगरानी इस टेंडर के जरिये भले सरकार फैक्ट चेक को लेकर जांच करवाएगी, लेकिन साइबर कानून के जानकारों की मानें तो इससे सरकार के पास लोगों की अवैध निगरानी के रास्ते खुल जाएंगे। ऐसे में ये हथियार संदिग्ध व्यक्तियों की खोज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
फैक्ट चेक का आधार क्या साइबर लॉ कंपनी टेकलेगिस एडवोकेट्स एंड सॉलिसिटर्स के संस्थापक सलमान वारिस के मुताबिक ‘अगर हम नहीं जानते कि क्या फेक न्यूज है और क्या नहीं, तो जिसे टेंडर मिलेगा वो इसका पता कैसे लगाएगा कि क्या सही है और क्या फेक?
किस चीज की पहचान जरूरी है और किसका सत्यापन? हालांकि, इससे उनके लिए अवैध और अनैतिक तरीके से निगरानी के रास्ते जरूर खुल जाएंगे।’ बेसिल ने अब तक इन सवालों के जवाब नहीं दिए हैं।
सोशल मीडिया रेगुलेशंस 2020 के उपयोग के लिए सूचना प्रौद्योगिकी दिशानिर्देशों के अंतिम ड्राफ्ट पर काम हो रहा है इस पर मंत्रालय की ओर से अंतिम ड्राफ्ट आना बाकी है जिसे सार्वजनिक किया जा सके। सरकार कई बार सोशल मीडिया कंपनियों पर ही फेक न्यूज और गलत जानकारी के फैलाव को रोकने की जिम्मेदारी डाल चुकी है।
रविशंकर ने रोक के लिए तकनीक के सहारे की कही बात मोदी कैबिनेट में सूचना -प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद भी इस मसले पर अपनी विचार बता चुके हैं। वर्ष 2018 में ही केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा था कि उन्हें फेक न्यूज को रोकने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने ये सुझाव उस दौरान दिया जब मॉबल लिंचिंग जैसी घटनाएं बढ़ रही थीं।
13 मई को निकाला गया टेंडर आपको बात दें कि बेसिल की ओर से एजेंसियों के लिए 13 मई को टेंडर निकाला गया था। हालांकि इसके बाद बेसिल से ये भी पूछा गया है कि क्या संस्था फेक न्यूज और गलत जानकारी को लेकर किसी परिभाषा पर पहुंची है। या फिर अब तक किसी एजेंसी ने ये टेंडर भरा है। हालांकि बेसिल की ओर से अब तक पर कोई जवाब या जानकारी सामने नहीं आई है।