ईडी ने गिरफ्तारी के बाद हुमायूं को कोर्ट में पेश किया जहां से उसको 24 अक्टूबर तक की ईडी हिरासत में जेल भेज दिया गया। जानकारी के मुताबिक रिंकू देशपांडे ने रणजीत सिंह बिंद्रा की 25 से 30 करोड़ रुपए की दलाली लेने में मदद की थी। फर्जी किराएदारों का प्रतिनिधित्व किया था। इस मामले में रणजीत सिंह बिंद्रा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) की शुरुआती जांच रिपोर्ट के मुताबिक जांच के दौरान पाया कि इकबाल मिर्ची, हुमायूं मर्चेंट और सनब्लिंक रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के बीच तीन संपत्तियों की बिक्री में रणजीत सिंह बिंद्रा को ब्रोकरेज के रूप में 50 करोड़ रुपए लेना था। वह यह पैसा मार्केट ऑपरेटरों के जरिए लेना चाहता था। लिहाजा उसने रिंकू देशपांडे की मदद ली।
दरअसल, देशपांडे का परिवार इकबाल मिर्ची और उसके परिवार के सदस्यों के संपर्क में था। देशपांडे ने मुंबई के वर्ली इलाके में मिर्ची की तीन संपत्तियों के फर्जी किराएदारों का प्रतिनिधित्व किया था। बिंद्रा को दलाली दिलाने में मदद की थी। रणजीत सिंह बिंद्रा की तरफ से रिंकू देशपांडे ने सनब्लिंक रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड से मार्केट ऑपरेटरों के जरिए अपने खाते में 25 से 30 करोड़ रुपए लिए थे।
ईडी की प्राइमरी रिमांड रिपोर्ट के मुताबिक रिंकू देशपांडे ने कहा कि बिंद्रा ने उसको बताया था कि उसको सनब्लिंक रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के धीरज दीवान के लिए जमीन सौदा कराया है, जिसके एवज में उसको 40 से 50 करोड़ रुपए मिले हैं। ईडी के सूत्रों के मुताबिक रिंकू देशपांडे ने यह भी बताया कि जो 25 से 30 करोड़ रुपए उसके खाते में आए थे, वो उसी प्रॉपर्टी डील के ही थे। रिंकू देशपांडे की बैंक डिटेल से भी इसकी पुष्टि हुई है।
बता दें कि बुधवार को रिंकू देशपांडे को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। इन तीन संपत्तियों में वर्ली स्थित सी व्यू, मरियम लॉज और राबिया मैंशन शामिल हैं जो 1,573 वर्ग मीटर में फैली है। ईडी ने देशपांडे से पहले मिर्ची के करीबी हुमायूं मर्चेंट को गिरफ्तार किया, जोकि भारत में उसकी संपत्तियों को नियंत्रित करता था।
खास बात यह है कि हुमायूं मर्चेंट ने जो सौदा भी शामिल है, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल से संबंधित है।