चार याचिकाएं हो सकती हैं दाखिल गौर हो, इस मामले में कुल चार पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की जाएंगी। इसमें जमीयत उलेमा-ए-हिंद और मुस्लिम पक्षकार शामिल हैं। वहीं आल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से 6 दिसंबर को याचिका दाखिल की जा सकती है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड दाखिल नहीं करेगा याचिका दूसरी ओर, इस विवाद में सबसे बड़े पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दाखिल न करने का निर्णय लिया है। 26 नवंबर को लखनऊ में हुई मीटिंग में बहुमत से इस निर्णय पर मुहर लगाई जा चुकी है। हालांकि बैठक में पांच एकड़ जमीन पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। इस पर राय बनाने के लिए सदस्यों ने और समय की मांग की है।