सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों को बनाया जाएगा जिम्मेदार, केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइन भगवान श्रीरामलला हमारे पूर्वज हैं। हमें आंदोलन से उठने का रास्ता नहीं मिल रहा है। सरकार ईमानदारी से बात करे, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हों और कानून में कुछ संशोधन करें तभी बात बनेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले को लंबा खींचा है। इससे यूपी में होने वाले पंचायती चुनाव में फर्क पड़ेगा। पूरे भारत में तीनों कृषि कानून का विरोध जताया जा रहा है। किसानों को अपनी जमीन बचाने के लाले पड़ गए हैं।
किसानों के लिए खेती अब घाटे का सौदा हो चुकी है। सरकार पता नहीं क्यों जिद्दी रवैया अपनाए हुए है। किसानों के सामने धरना प्रदर्शन और महापंचायत करना मजबूरी है। उन्होंने कहा कि वे पश्चिम बंगाल जाएंगें और किसानों को बताएंगें की किसी को भी वोट दो लेकिन भाजपा को न देना। इनकी कथनी करनी में बहुत अंतर है। हनुमानगढ़ी दर्शन के बाद स्थानीय किसान नेताओं ने नरेश टिकैत से जमीन अधिग्रहण के नाम पर किसान उत्पीड़न को लेकर भी आवाज उठाने की मांग की।