मिशन में सफलता नहीं मिलने के बाद अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि उसके ऑर्बिटर में लगे कैमरे की पहुंच से विक्रम लैंडर बाहर है। लिहाजा, काफी कोशिश के बावजूद भी नासा अपने मिशन में कामयाब नहीं सका। गौरतलब है कि नासा का लूनर रिकॉस्सेंस ऑर्बिटर पिछले 10 सालों से चांद के चक्कर काट रहा है। वह मंलगवार को उस साउट से गुजरा जहां लैंडर तिरछा पड़ा हुआ है।
पढ़ें- अब विक्रम लैंडर से संपर्क की उम्मीद खत्म, चांद पर हो रही है शाम! नासा के अधिकारी ए हंदल ने कहा कि लूनर रिकॉस्सेंस ऑर्बिटर कैमरा विक्रम लैंडिंग साइट के आसपास की तस्वीरें खींची हैं, लेकिन लैंडर के सही स्थान का का पता नहीं चल पाया है। हो सकता है कि लैंडर का स्थान कैमरे के क्षेत्र से बाहर हो। अब अगले दो दिन में विक्रम से संपर्क स्थापित नहीं हुआ तो ISRO दोबारा उसे संपर्क नहीं साध पाएगा।
पढ़ें- चांद की सतह पर भारत और चीन के मून मिशन का आमना-सामना, जानिए फिर क्या हुआ? गौरतलब है कि सात सितंबर को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसरो का विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया था। जिसके बाद से लगातार उससे संपर्क साधने की कोशिश जारी है। लेकिन, अब तक कामयाबी नहीं मिल पाई है।