scriptनए रेल बजट की तैयारी लेकिन अभी पिछली योजनाएं हैं अधूरी | new budged is being prepared but old projects are still not complete | Patrika News
विविध भारत

नए रेल बजट की तैयारी लेकिन अभी पिछली योजनाएं हैं अधूरी

केंद्रीय मंत्री, सांसद और राज्यों के मुख्यमंत्री अपने इलाके की योजनाओं के लिए मंत्रालय पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं।

Dec 13, 2017 / 11:03 am

ashutosh tiwari

नई दिल्ली. रेलवे नए बजट की तैयारी में जुट गया है लेकिन पिछले साल की घोषित योजनाओं में आधे से अधिक अभी शुरू भी नहीं हो पाई हैं। इतना ही नहीं जो योजनाएं शुरू हुई, उनमें प्रगति न के बराबर है। इसके बावजूद रेलवे पर नई योजनाओं का भारी दबाव है। केंद्रीय मंत्री, सांसद और राज्यों के मुख्यमंत्री अपने इलाके की योजनाओं के लिए मंत्रालय पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं, ताकि आगामी बजट में इन्हें शामिल कर लिया जाए।
बीते बजट में ऐलान किया गया था कि 2019 तक देश भर में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को पूरी तरह समाप्त कर लिया जाएगा। इस सबसे बड़े वादे को पूरा करने में भी इस साल रेलवे ने तत्परता नहीं दिखाई। साल बीतने को है, लेकिन अब तक 10 फीसदी काम भी पूरा नहीं हुआ है।

पीएमओ को लिखे जा रहे पत्र
रोचक तथ्य तो यह है कि कई जनप्रतिनिधियों ने रेलमंत्री को पत्र लिखने के साथ इसकी कॉपी प्रधानमंत्री कार्यालय को भी भेज दी है। इससे प्रधानमंत्री कार्यालय से कॉपी फॉरवर्ड होकर फिर मंत्रालय के पास पहुंच रही है। अधिकारी के मुताबिक मंत्रालय पिछली योजनाओं की समीक्षा करने के बाद ही नई घोषणाओं के बारे में विचार करेगा।
खुद पैसा जुटाएगा रेलवे
केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि रेलवे आगामी बजट में अतिरिक्त कोष की मांग नहीं करेगा। गोयल के मुताबिक जो भी निवेश की जरूरत होगी रेलवे आंतरिक रूप से जुटा लेगा। लेकिन जानकारों का कहना है कि कई योजनाएं जो पैसे की कमी के कारण रूकी हैं उसके लिए अतिरिक्त धनराशि की जरूरत होगी।

बजट में नई योजनाओं के लिए रेलवे पर है दबाव
– इस वित्त वर्ष में 2800 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछानी थी।
हकीकत : केवल 500 किलोमीटर लाइन बिछाने की योजना शुरू हो सकी। इसका भी काम कई जगह अटका है।

– 2019 तक मानव रहित क्रॉसिंग खत्म करना।
हकीकत : दस फीसदी काम भी नहीं हुआ पूरा।

– 300 स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर्स लगाना।
हकीकत : चिहिन्त स्टेशनों में से आधे से ज्यादा पर काम शुरू नहीं।
– विशेष कोष देते हुए कहा कि इससे रेल दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
हकीकत : इस साल 24 नवंबर तक 35 रेल हादसे हुए, इनमें 82 लोगों की मौत।

– 500 रेलवे स्टेशनों पर दिव्यांगों के लिए विशेष प्रबंध।
हकीकत : अभी स्टेशन चिन्हित ही नहीं हो सके।

– सभी ट्रेनों में विशेष सुरक्षा जवानों की तैनाती
हकीकत : जवानों की कमी, कई मेल-एक्सप्रेस गाडिय़ों में भी नहीं है सुरक्षा प्रबंध।

-डबल डेकर उदय ट्रेन पटरियों पर दौड़ानी थी।
हकीकत : अगले साल शुरू होने की संभावना।
तर्क : कर्मचारी नहीं
क्रॉसिंग का लक्ष्य पूरा न होने पर रेलवे का कहना है कि इसके लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी चाहिए और नियुक्ति की प्रक्रिया लंबी होती है। इसी तरह हादसे कम करने के दावे भी हवा में ही लटके रह गए। अब तक 35 छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं।
नई योजनाओं की मांग
एक अधिकारी के मुताबिक नई लाइन बिछाने से ट्रेनों के विस्तार, नई ट्रेनों के परिचालन, फुट ओवर ब्रिज बनाने, स्टेशनों पर अतिरिक्त सुविधाएं मिलने, ट्रेनों के ठहराव आदि के लिए जनप्रतिनिधि दबाव बनाए हुए हैं।

Home / Miscellenous India / नए रेल बजट की तैयारी लेकिन अभी पिछली योजनाएं हैं अधूरी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो