डब्लूएचओ के तंबाकू विरोधी अभियान को किस तरह प्रभावित किया जाता है, इसका उदाहरण फरवरी में पनामा में डब्लूएचओ की तंबाकू नियंत्रण को लेकर हुई बैठक में सामने आया, जब तंबाकू कंपनियों ने कुछ देशों को प्रभावित करने के लिए तकनीकी और वित्तीय मदद की पेशकश की थी।
डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप में सबसे ज्यादा धूम्रपान होता है। यहां एक चौथाई आबादी धूम्रपान करती है। मिस्र, जॉर्डन और इंडोनेशिया जैसे कुछ देशों में अब भी तंबाकू का उपयोग बढ़ा है। हर दो साल बाद जारी होने वाली रिपोर्ट के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन सरकारों से तंबाकू नियंत्रण उपायों को लागू करने की अपील करता है।
डब्लूएचओ के स्वास्थ्य संवर्धन विभाग के निदेशक डॉ. रुएडिगर क्रेच ने कहा, हाल के वर्षों में तंबाकू नियंत्रण में अच्छी प्रगति हुई है, लेकिन अभी संतोषजनक नहीं है। यह आश्चर्यजनक है कि तंबाकू उद्योग अनगिनत जिंदगियों की कीमत पर लाभ कमाने के लिए किस हद तक जाएगा।