अब सिविल सेवा परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवार घटते क्रम में मनपसंद जोन का उल्लेख कर सकेंगे। यही नहीं उम्मीदवार हरेक जोन में मनपसंद राज्यों का भी उल्लेख कर सकेंगे। सरकार ने इस नई नीति को तैयार भी कर लिया है। इसका उद्देश्य देश की शीर्ष नौकरशाही में राष्ट्रीय एकता सुनिश्चित करना है। माना जा रहा है कि इसे इसी साल लागू भी कर दिया जाएगा।
उम्मीदवार अपनी पहली पसंद के रूप में किसी एक जोन से एक राज्य, कैडर ही चुन सकते हैं। उनकी दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवीं पसंद अलग-अलग जोन से होनी चाहिए। उम्मीदवारों को अपना गृहराज्य मेरिट, वरीयता क्रम और खाली पदों के आधार पर आवंटित होगा।
इस तरह बांटा गया हैं 5 जोन में
जोन-1: सात कैडर एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश), जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उाराखंड, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा जोन-2: उत्तर प्रदेश, बिहार, झाारखंड और ओडिशा
जोन-3: गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जोन-4: पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा और नगालैंड जोन-5: तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल अभी क्या है स्थिति?
फिलहाल, तीनों सेवाओं के अधिकारियों को काम करने के लिए कैडर राज्य या राज्यों का एक समूह आवंटित किया जाता है। कुछ योग्यता शर्तों के बाद उन्हें सेवा के दौरान केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी तैनात किया जाता है।