इस नियम के मुताबिक अगर कोई पंडित शादी करवाता है तो उसके लिए प्रशासन को लिखित में देना होगा कि जिस लड़की की शादी उन्होंने करवाई है वो नाबालिक नहीं है। इसका मकसद बाल विवाह को रोकना है। सरकार के मुताबिक बाल विवाह को रोकने को लेकर अन्य उपायों पर भी विचार किया जा रहा है।
इसके लिए सरकार भविष्य में आधार कार्ड का भी सहारा ले सकती है। एक प्रस्ताव ये भी है कि जहां पर लड़की का घर हो वहां पर वॉर्ड काउंसलर से भी लिखित में अंडरटेकिंग ली जाए। ये प्रस्ताव भविष्य में लागू हो सकता है। फिलहाल पंडितों के माध्यम से बाल विवाह को रोकने पर जोर दे रही है।
यूपी में 37 प्रतिशत महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार, 20 प्रतिशत लड़िकयों का बाल विवाह मुस्लिमों के लिए क्या है नियम?इस मामले में अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या ये नियम मुस्लिम समुदाय के मौलाना और क्रिश्चयन समुदाय के पादरियों पर भी लागू होगा। मौजूदा समय में अभी धार्मिक न्याय बोर्ड पंडितों की सूची बना रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही मुस्लिम और क्रिश्चयन समुदाय के लिए भी एडवाइजरी जारी की जाएगी।
शराबबंदी पर वाहवाही बटोर चुकी है नीतीश सरकार
वहीं नीतीश सरकार ने अप्रैल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी। इसके तहत बिहार में शराब पीना और बेचना दोनों गैरकानूनी है। अगर कोई शख्स इन नियमों को उल्लंघन करता है तो उसे जेल जाने के साथ जुर्माना भी भरना पड़ता है।