Nirbhaya Case: दोषियों के शव लेकर DDU हॉस्पिटल पहुंचे अधिकारी, डॉक्टरों की टीम करेगी पोस्टमार्टम कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक फांसी के बाद अपराधियों (Accused) का शव लेने के लिए उनके परिजनों को लिखित में जेल प्रशासन को देना पड़ता है। इसमें लिखा जाता है कि परिवार वाले अपने रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार (Funeral) करना चाहते हैं, इसलिए उन्हें शव सौंपा जाए। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय जेल सुप्रिटेंडेड का होता है। अगर सुपरिटेंडेंट को लगता है कि शव सौंपने से वे इसका गलत प्रयोग कर सकते हैं तो वह शव देने से इंकार कर सकते हैं। चूंकि अभी तक निर्भया के दोषियों के परिजनों ने ऐसा कोई लिखित पत्र नहीं दिया है इसलिए माना जा रहा है कि जेल प्रशासन की ओर से अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शव लेने और अंतिम संस्कार से जुड़े नियम
दूसरा विकल्प ये भी होता है कि जेल सुपरिटेंडेंट की देख-रेख में शव का अंतिम संस्कार किया जाता है। शव को अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था भी की जाती है। जेल सुपरिटेंडेंट को पूरा अधिकार होता है कि वह शव के अंतिम संस्कार में जितना जरूरी खर्च हो वह कर सकता है। वहीं बात शव लेने की होती है तो किसी भी अपराधी को फांसी देने के बाद पहले डॉक्टर शव की जांच करके मौत की पुष्टि करते हैं। इसके बाद शव को ऑटोप्सी के लिए भेज दिया जाता है। तिहाड़ जेल के अधिकारियों के अनुसार पहले ऐसा नहीं होता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की 2014 की गाइडलाइन्स के बाद ये किया जाता है।
दूसरा विकल्प ये भी होता है कि जेल सुपरिटेंडेंट की देख-रेख में शव का अंतिम संस्कार किया जाता है। शव को अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था भी की जाती है। जेल सुपरिटेंडेंट को पूरा अधिकार होता है कि वह शव के अंतिम संस्कार में जितना जरूरी खर्च हो वह कर सकता है। वहीं बात शव लेने की होती है तो किसी भी अपराधी को फांसी देने के बाद पहले डॉक्टर शव की जांच करके मौत की पुष्टि करते हैं। इसके बाद शव को ऑटोप्सी के लिए भेज दिया जाता है। तिहाड़ जेल के अधिकारियों के अनुसार पहले ऐसा नहीं होता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की 2014 की गाइडलाइन्स के बाद ये किया जाता है।
अटॉप्सी की होगी वीडियो रिकॉर्डिंग
निर्भया के चारों दोषियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल भेज दिया गया है। यहां डॉ. बीएन मिश्रा की अगुवाई में पांच डॉक्टरों की टीम अटॉप्सी करेगी। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी।
निर्भया के चारों दोषियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल भेज दिया गया है। यहां डॉ. बीएन मिश्रा की अगुवाई में पांच डॉक्टरों की टीम अटॉप्सी करेगी। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी।
दोषियों ने जाहिर नहीं की थी अंतिम इच्छा
मरने से पहले सभी अपराधियों की अंतिम इच्छा पूछी जाती है। इसी सिलसिले में निर्भया के चारों दोषियों से भी उनकी आखिरी ख्वाहिश के बारे में पूछा गया था। तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि मरते वक्त वे सभी इतने ज्यादा निराश थे कि उनमें से किसी ने भी अपनी कोई इच्छा जाहिर नहीं की।
मरने से पहले सभी अपराधियों की अंतिम इच्छा पूछी जाती है। इसी सिलसिले में निर्भया के चारों दोषियों से भी उनकी आखिरी ख्वाहिश के बारे में पूछा गया था। तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि मरते वक्त वे सभी इतने ज्यादा निराश थे कि उनमें से किसी ने भी अपनी कोई इच्छा जाहिर नहीं की।
परिवार वालों को सौंपे जाएंगे कपड़े
डीजी तिहाड़ जेल के मुताबिक निर्भया के चारों दोषियों के परिजनों ने शव लेने के लिए अभी तक कोई क्लेम नहीं किया गया। ऐसे में अंतिम संस्कार करने को लेकर चर्चा जारी है। वैसे दोषियों की ओर से जेल में कमाए गए पैसे, उनके कपड़े और अन्य सामान उनके परिवारवालों को सौंप दिए जाएंगे।
डीजी तिहाड़ जेल के मुताबिक निर्भया के चारों दोषियों के परिजनों ने शव लेने के लिए अभी तक कोई क्लेम नहीं किया गया। ऐसे में अंतिम संस्कार करने को लेकर चर्चा जारी है। वैसे दोषियों की ओर से जेल में कमाए गए पैसे, उनके कपड़े और अन्य सामान उनके परिवारवालों को सौंप दिए जाएंगे।