दरअसल, दोषी विनय ने याचिका में कहा था कि वह मानसिक रूप से बीमार है और उनसे कोर्ट से इलाज कराने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि विनय कोई ऐसी बीमारी नहीं है। प्रशासन ने CCTV फुटेज पेश करते हुए कहा कि विनय ने खुद दीवार पर अपना सिर मारा था। हाल में उसने दो बार अपनी मां से फोन पर बात की है तो ऐसे में उसके वकील कैसे कह सकते हैं कि विनय लोगों की पहचान भूल रहा है? जहां तक विनय को चोट लगने की बात है तो उसने खुद अपना सिर फोड़ा है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ( Dharmendra Rana ) ने विनय की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील इरफान अहमद ने विनय के वकील एपी सिंह के इस दावे पर भी सवाल उठाए कि वह अपनी मां को नहीं पहचान पा रहा है और मानसिक रूप से बीमार हो गया है। इरफान ने तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाए गए सबूतों के आधार पर बताया कि विनय ने हाल ही में अपनी मां को दो फोन किए थे, जबकि वकील से भी फोन के जरिये ही बातचीत की थी। ऐसे में विनय के वकील का यह दावा झूठा साबित हो जाता है कि वह अपनी मां को नहीं पहचान पा रहा है और मानसिक रूप से बीमार है। सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने विनय के स्वास्थ्य से जुड़ी रिपोर्ट पटियाला हाउस कोर्ट में पेश की। इस रिपोर्ट में विनय की हालत सामान्य है। अभियोजन पक्ष के वकील इरफान अहमद ने कोर्ट में यह भी कहा कि दोषी विनय कुमार शर्मा की कोई ऐसा इतिहास नहीं मिलता है, जिसके आधार पर उसे असामान्य माना जाए। गौरतलब है कि इस याचिका में विनय के वकील एपी सिंह ने उसे मानसिक रूप से बीमार बताते हुए उसका इलाज कराने की मांग की है। अब देखना यह है कि अदालत विनय की याचिका पर क्या फैसला सुनाती है?