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सातवीं बरसी पर भी इंसाफ के इंतजार में निर्भया, मां आशा देवी बोलीं- मुझे भगवान पर है भरोसा मीडिया से बात करते हुए निर्भया के दादा ने कहा कि घटना वाले दिन ही दोषियों को फांसी दी जाती तो उनके मन को काफी तसल्ली मिलती। निर्भया के दादा लालजी सिंह ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने वालों को कड़ा संदेश मिलेगा और वह किसी के साथ भी इस तरह की दरिंदगी नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कानूनी प्रक्रिया को देखते हुए 16 दिसंबर को निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर लटकाया जाना मुमकिन नहीं है। निर्भया के दादा ने कहा कि मेरी बच्ची के साथ जो हुआ उसे काफी समय बीत गया है लेकिन अब उसके दोषियों को सजा मिलने में विलंब नहीं होना चाहिए। दोषियों से जुड़ी सभी कानूनी बाधाओं को शीघ्र पूरा कर जल्द से जल्द चारों दरिंदों को फांसी दी जानी चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि हमारी बच्ची के दरिंदों का एक-एक दिन सांस लेना हमें अच्छा नहीं लग रहा।
गौरतलब है कि आज से सात साल पहले 16 दिसंबर की रात छह लोगों ने चलती बस में निर्भया के साथ बारी-बारी से रेप किया था। इसके बाद चलती बस से उन्हें फेंक दिया गया था। पुलिस ने रेप करने वाले सभी छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इसमें एक दोषी ने आत्महत्या कर ली थी। जबकि, एक नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था। वहीं, चार लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। अब देखना यह है कि चारों दोषियों को कब तक फांसी दी जाती है।