गौरतलब है कि सीबीआई ने साल 1989 बैच के आईएएस अधिकारी रहे राजेंद्र कुमार समेत सीएम केजरीवाल के उपसचिव तरुण शर्मा के अलावा अशोक कुमार और एक निजी कंपनी के मालिक संदीप कुमार तथा दिनेश कुमार गुप्ता को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। वहीं राजेन्द्र कुमार पर साल 2006 से लेकर 2014 के दौरान दिल्ली सरकार के कई विभागों में पद पर रहते अपने ही कई कंपनियों को ठेका देने के अलावा सरकार को करोड़ो रुपए का नकसान पहुंचाने आरोप है। जहां इस पूरे ठेके की कीमत लगभग 50 करोड़ रुपए आंकी गई है।
ध्यान हो कि इस मामले में सीबीआई ने राजेन्द्र कुमार और उनके सहयोगियों पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया था। तो वहीं बाद में इस मामले पर सीएम केजरीवाल ने कहा था कि पीएम मोदी की सरकार जानबूझ कर दिल्ली सरकार के अधिकारियों को अपना निशाना बना रही है। जिससे कि सरकार के अफसर डरकर अपना काम छोड़ दें।
बता दें कि इस मामले में कुमार की गिरफ्तारी के बाद उन्हें 26 जुलाई को जमानत मिल गई थी। जिसके बाद अब उनपर भ्रष्टाचार के आरोप में मामला चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी मिल गई है।