कार चालकों के लिए काम की वो 7 बातें, जिन्हें हमेशा करेंगे फॉलो तो हर सफर रहेगा सुहाना फिक्की कर्नाटक स्टेट काउंसिल द्वारा आयोजित वर्चुअल ‘इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कॉन्फ्रेंस 2020’ को संबोधित करते हुए, गडकरी ने कहा कि भविष्य बहुत उज्जवल है। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार बनने की क्षमता है। सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को पहले से ही बढ़ावा देने में लगी है।
गडकरी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से अपील की कि इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत को कम करें, ताकि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री बढ़े और उद्योग को भी लाभ हो। वाहनों की क्वॉलिटी और मेंटेनेंस को भी बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि उच्च उत्पादन से ऑटोमोबाइल उद्योग, बाजार की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह दिवाली के बाद वह भारत के मुख्य न्यायाधीश के सामने ईवी पर एक घंटे की प्रस्तुति देंगे। ई-मोबिलिटी आर्थिक परिवहन के भविष्य का तरीका बनने जा रही है। निर्माताओं के लिए आर्थिक व्यवहार्यता है, लेकिन वर्तमान में वे लागत को कम करने के मूड में नहीं हैं। लागत कम करने से शुरुआत में कुछ नुकसान हो सकते हैं, लेकिन ये भारी मुनाफा लाएंगे। मार्केटिंग रणनीति के तहत आपको संख्या हासिल करने के लिए लागत कम करनी होगी।
Jaguar SUV I-PACE की बुकिंग शुरू, 1.60 लाख किलोमीटर चलने वाली बैटरी पर आठ साल वारंटी उन्होंने कहा, “अब नंबर एक बनने की महत्वाकांक्षा को बढ़ावा देने के लिए समय आ गया है। कच्चा माल उपलब्ध है और बिजली की दरें कम हो रही हैं जिससे आपके पास जीत की स्थिति है।” उन्होंने आगाह भी किया कि कंपनियां नौकरशाही की उलझनों में न फंसे। विश्व स्तर पर ऑटोमोबाइल कंपनियों ने कई इन्नोवेशंस पेश किए हैं। मंत्री ने स्वीकार किया कि ईवी-आधारित महत्वपूर्ण चिंताएं बैटरी, चार्जिंग और ड्राइविंग रेंज पर बनी रहती हैं जो बड़े पैमाने पर उपभोक्ता को आकर्षित करने से रोकती हैं, लेकिन इन मुद्दों को तेजी से ठीक किया जा रहा है।
उन्होंने इस तथ्य पर चिंता व्यक्त की कि भारत को अपने परिवहन ईंधन के 80 फीसदी से ज्यादा को कवर करने के लिए तेल आयात करने की आवश्यकता है और कच्चे तेल का आयात एक बड़ी आर्थिक समस्या है। गडकरी ने आगे बताया कि वायु प्रदूषण एक मिलियन डॉलर की समस्या है और इसके लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण खोजने की जरूरत है।