जिगनेश शाह के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कराया हुआ है। उन्होंने कहा है कि राजस्व विभाग सरकार के खिलाफ जाकर शाह के “बचाव” में आया। सरकार ने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के फाइनेंसियल टेक्नोलॉजीज इंडिया लिमिटेड (एफटीआईएल) में विलय के खिलाफ कम्पनी मामलों के विभाग को सलाह दी थी। उल्लेखनीय है कि एफटीआईएल समूह की इकाई नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड में पिछले साल भुगतान संकट उत्पन्न हो गया था और आर्थिक अपराध शाखा ने शाह को गिरफ्तार किया था।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार लगभग एक साल पहले 21 अक्टूबर 2014 को कम्पनी मामलों के मंत्रालय ने प्रभावशाली तरीक से एनएसईएल और एफटीआईएल के विलय का प्रस्ताव किया था ताकि निवेशकों को करोड़ों रूपए के नुकसान से बचाया जा सके। महर्षि ने 26 अगस्त 2015 के अपने नोट में कम्पनी मामलों के विभाग को विलय के खिलाफ सलाह दी थी और इसे राजस्व विभाग को भी अग्रसारित किया था। उस नोट को तत्कालीन राजस्व सचिव शशिकांत दास ने यह कहते हुए संस्तुति प्रदान कर दी कि प्रवर्तन निदेशालय इस विचार का है कि विलय से जिगनेश शाह को मदद मिलेगी। यह मामला अभी बम्बई हाईकोर्ट में चल रहा है।