चिंताजनक: पांच में से एक कोरोना संक्रमित मानसिक रोगों के शिकार
Highlights.
- - पोस्ट कोविड-19 इफेक्ट द लांसेट साइकिएट्री जर्नल के ताजा शोध में खुलासा
- - शोध में पता चला कि 20% कोरोना संक्रमित 90 दिनों के भीतर मनोरोग के शिकार हुए
- - शोध से यह भी पता चला है कि कोरोना वॉरियरों में मानसिक दुर्बलता तेजी से बढ़ रही

नई दिल्ली।
कोरोना को हरा चुके लोगों की चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं। भले ही उन्होंने कोरोना को हरा दिया हो लेकिन कोविड-19 के साइड-इफेक्ट्स ने उनकी जिंदगी में परेशानी खड़ी कर दी है।
'द लांसेट साइकिएट्री जर्नल' के ताजा शोध में पता चला है कि 20% कोरोना संक्रमित 90 दिनों के भीतर मनोरोग के शिकार हुए हैं। पिछले दिनों हुए शोध से यह भी पता चला है कि कोरोना वॉरियरों में मानसिक दुर्बलता तेजी से बढ़ रही है। मसलन वे चलते-चलते रास्ता भूलने जैसी परेशानी का सामना कर रहे हैं।
प्रतिरोधक क्षमता कम होना भी कारण
‘द कोरोना वायरस: वैश्विक महामारी के बारे में जो आपको जानना चाहिए' नामक पुस्तक के लेखकों में से एक तंत्रिका मनोचिकित्सक डॉ. राजेश एम पारिख बताते हैं कि कोविड-19 वायरस से रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, इसके बाद उनके शरीर में आई कमजोरी मानसिक परेशानियों को और बढ़ा देती हैं। गंभीर संक्रमित के मानसिक स्तर को कोरोना सीधे तौर पर प्रभावित करता है। वहीं, मुंबई के डॉ जलील पारकर बताते हैं कि मार्च से अब तक करीब 1400 संक्रमितों का इलाज किया है। कई चलते-चलते रास्ता भूल जाते हैं।
बता नहीं सकते कब ठीक होंगे
मुंबई के केईएम अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग की पूर्व प्रमुख डॉ शुभांगी पारकर बताती हैं कि कोरोना काल में पहले से ही लोग मानसिक तनाव में हैं। इस बीच अगर इनमें से कुछ कोरोना संक्रमित हो गए हैं, दो उनके लिए दोहरी मुसीबत है। कोई समय सीमा तय नहीं कर सकते कि यह कब ठीक होंगे।
Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें (Hindi News App) Get all latest Miscellenous India News in Hindi from Politics, Crime, Entertainment, Sports, Technology, Education, Health, Astrology and more News in Hindi