एक काम करने से बच सकती थी लोगों की जिंदगी हादसे के वक्त पुलिस भी थी, प्रशासन के लोग भी मौजूद थे। लेकिन, इस कार्यक्रम के लिए रेलवे को अगर सूचना दी गई होती तो यह हादसा नहीं होता। दरअसल, प्रशासन या आयोजक रेलवे को एक सूचना दे देती कि यहां शाम को दशहरा मेला लगने जा रहा है। ऐसे में रेलवे अपने ड्राइवर को कॉशन ऑर्डर जारी कर देता। इस ऑर्डर के बाद उस खास एरिया में ट्रेन की स्पीड कम कर ली जाती है। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, जब भी रेलवे ट्रैक पर मरम्मत का काम चलता है या फिर ट्रैक के किनारे कहीं भीड़ जमा होने की आशंका रहती है, तो रेलवे का कंट्रोलर अधिकारी उस खास एरिया के ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेन के ड्राइवरों के लिए एक कॉशन ऑर्डर जारी करता है। इस कॉशन ऑर्डर में हिदायत दी जाती है कि उस खास एरिया में ट्रैक पर काम चल रहा है, ट्रैक के आसपास कोई कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जहां भीड़ इकट्ठा होगी, इसलिए आप ट्रेन को बताई गई स्पीड से चलाएंगे।
अधिकारी बताते हैं कि इस आदेश के बाद ट्रेन का ड्राइवर कंट्रोलर द्वारा बताई गई स्पीड पर ट्रेन को चलाता है और ट्रेन चलाते समय उस एरिया के लिए खासतौर से और अलर्ट हो जाता है। भीड़ होती है तो दूर से ही हॉर्न बजाना शुरू कर देता है। अधिकारी ने बताया कि आगरा-मथुरा के बीच हर साल नरी सेमरी देवी का मेला लगता है। ये मेला रेल ट्रैक के किनारे ही लगता है। लेकिन, मेला आयोजक दो-तीन दिन पहले ही रेलवे को जानकारी दे देते हैं। जिसके चलते रेलवे कॉशन ऑर्डर जारी कर देता है और 5 से 6 ट्रेन का ठहराव भी वहां दो-तीन दिन के लिए होने लगता है। ऐसे में अगर यहां भी यह काम किया गया होता तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता और इतने लोगों की मौत नहीं होती।