इस बीच वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus news) महामारी का अधूरा इलाज या पूरी तरह ठीक ना होने से ये महामारी मरीज में दोबोरा प्रवेश कर सकता है। वैज्ञानिकों ने सावधान करते हुए कहा कि कम से कम 2 स्वाब रिपोर्ट नेगेटिव आने, लक्षण पूरी तरह खत्म होने के बाद ही मरीज को अस्पताल (Hospital) से छुट्टी दें।
एक ऐसा मामला दिल्ली (Delhi) में सामने आया है, जहां पर 50 साल के जवान 15 मई से 22 मई तक अस्पताल में भर्ती रहा और ठीक हो गया। ठीक होने के बाद जवान ने ड्यूटी दोबारा ज्वाइन कर ली, लेकिन 10 जुलाई को संक्रमण की पुष्टि दोबारा हो गई। स्वस्थ मरीज को दोबारा संक्रमण से डॉक्टर हैरान है। डॉक्टर के मुताबिक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। वहीं ऐसे ही यूएई (United Arab Emirates ) से केरल (Kerala) लौटे दो लोग पूरी तरह ठीक होने के बाद दोबारा वायरस की चपेट में आ गए।
डॉक्टर में बताया नामुकिन इस मामले को लेकर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इम्युनोलॉजिस्ट (Harvard University immunologist) डॉ. माइकल मीना (Dr. Michael mina) ने बताया कि, दोबारा संक्रमण मुश्किल है। अगर ऐसा है तो मरीज पूरी तरह ठीक नहीं हुआ है। डॉक्टर माइकल के मुताबिक संक्रमितों के भीतर एंटीबॉडीज बनती हैं। एंटीबॉडीज (Antibodies) का स्तर दो से तीन महीने में घट जाता है पर इसका मतलब ये नहीं कि व्यक्ति दोबारा चपेट में आए। इसकी संभावना कम रहती है।
वायरल लोड बढ़ने के साध दोबारा आ सकते हैं लक्षण डॉ. माइकल के अनुसार ”मरीज के इलाज के दौरान शरीर में वायरल लोड पहले से कम हो सकता है। इस आधार पर उसे स्वस्थ मान लेना सही नहीं हैं। वायरस की मौजूदगी स्वस्थ घोषित होने के बाद भी रही होगी। वायरस से ठीक होने के बाद भी व्यक्ति को खुद को पूरी तरह से स्वस्थ होने का इंतजार करना चाहिए, वह ठीक हो गया है यह सोचकर लापरवाही नहीं करनी चाहिए। वायरल लोड बढ़ने के साथ उसमें दोबारा लक्षण दिख सकते हैं।