इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि अक्षय पात्र संस्था ने पहली थाली पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में परोसी थी और आज उन्हें यह 300 करोड़वी थाली परोसने का सौभाग्य मिला है। संस्था का यह काम असाधारण है।
उन्होंने कहा कि सेवा और समपर्ण किसी सम्मान के लिए नहीं होती। संस्था को गांधी शांति पुरस्कार दिया गया है। स्वामी मधुपंडित दास को पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। स्कूलों में मिड-डे मील की परंपरा आजादी से पहले से ही चलती आई है। पोषकता के साथ पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन बच्चों को मिले यह सुनिश्चित किया जा रहा है।
जिस प्रकार मजबूत इमारत के लिए नींव का ठोस होना जरूरी है, उसी प्रकार शक्तिशाली नए भारत के लिए पोषित और स्वस्थ बचपन का होना भी जरूरी है। यदि देश का बचपन कमजोर रहेगा तो उसके विकास की गति धीमी हो जाएगी। यदि जन्म से पहले और फौरन बाद बच्चों के खाने-पीने पर ध्यान दिया जाए तो भविष्य में स्वास्थ्य को लेकर परेशानियां कम होंगी।
अक्षय पात्र ने अपने सभी लाभार्थियों के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार सुनिश्चित करने के लिए लगातार संतुलित, पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान करने का निरंतर प्रयास किया है। भोजन देने में क्षेत्रीय स्वीकार्यता का पालन किया जाता है, इस प्रकार यह मेन्यू उत्तर भारत में मुख्य रूप से गेहूं आधारित और दक्षिण भारत व ओडिशा और असम जैसे राज्यों में चावल आधारित होता है।
अक्षय पात्र में, बच्चों के लिए विविध प्रकार का और अलग—अलग स्वाद वाला भोजन सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवस्थित और चक्रीय तरीके से मेन्यू को संशोधित करने का सचेत प्रयास किया जाता है। फाउंडेशन के स्कूल लंच कार्यक्रम में खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता और स्वच्छता को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। कच्चे माल से लेकर पके हुए भोजन तक, उत्पादों के मूल्यांकन की सुविधा के लिए खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला (एफएसक्यूसी लैब्स) की स्थापना की गई है।
जब पोषण सुरक्षा की बात आती है तो मात्रा, गुणवत्ता के समान ही महत्वपूर्ण होती है। बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक दिन पहले ही इंडेंट इकट्ठे कर लिए जाते हैं।
अक्षय पात्र ने स्कूल लंच कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर मूल्यवान इनपुट प्राप्त करने और मार्गदर्शन के लिए आईसीआरआईएसएटी और सीएफटीआरआई जैसे प्रमुख संगठनों के साथ साझेदारी की है। मध्याह्न भोजन कार्यक्रम (मिड-डे मील प्रोग्राम) के कार्यान्वयन भागीदार के रूप में, अक्षय पात्र को पूरी यात्रा के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों का समर्थन और प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है। फाउंडेशन, भोजन कार्यक्रम के हिस्से के रूप में हर दिन स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखेगा।
कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, मथुरा की सांसद हेमा मालिनी, प्रदेश के मंत्री श्रीकांत शर्मा, मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवा, विधायक कारिंदा श्रीजी, महापौर मुकेश आर्यबंधू, अक्षय पात्रा संस्था के अध्यक्ष स्वामी मधुपंडित दासा समेत तमाम लोग मौजूद रहे।