-इसरो ने अपनी मेहनत से नया मुकाम हासिल किया। इसरो अपने आप में कामयाबियों की इनसाइक्लोपीडिया है। इसलिए नाकामयाबियों से घबराने की जरूरत नहीं है। हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है बल्कि मजबूत हुआ है।
-पीएम मोदी ने कहा कि हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है। इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं।ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता नाम की कोई चीज़ नहीं होती। यहां केवल प्रयोग और प्रयास होती है, हर प्रयोग हर प्रयास ज्ञान की नींव रखता है।
-मैं सभी वैज्ञानिकों के परिवार को नमन करता हूं। आप लोगों का महत्वपूर्ण समर्थन साथ रहा। हम असफल हो सकते हैं, लेकिन इससे हमारे जोश और ऊर्जा में कमी नहीं आएगी। हम फिर पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ेंगे।
-वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप मक्खन पर लकीर खींचने वाले नहीं बल्कि पत्थर पर लकीर खींचने वाले हैं।
ये भी पढ़ें: ISRO सेंटर से बोले PM मोदी- हमारा हौसला कमजोर नहीं, मजबूत हुआ
-मैं यहां आपको उपदेश देने नहीं बल्कि आपसे प्रेरणा लेने के लिए सुबह-सुबह यहां आया हूं।
-मैं आपकी उदासी समझ सकता था, इसलिए कल रात ज्यादा देर नहीं रुका। कई रातों से वैज्ञानिक सोएन हीं है। कल रात मैं आपकी मनोस्थिति को समझ रहा था लेकिन कोई क्षणिक बाधा हमें रोक नहीं सकती।
-पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये आप ही लोग हैं जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह पर भारत का झंडा फहराया था। इससे पहले दुनिया में ऐसी उपलब्धि किसी के नाम नहीं थी। हमारे चंद्रयान ने दुनिया को चांद पर पानी होने की अहम जानकारी दी।
-रुकावटों से हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है। हमें असफलताओं से निराश होने की जरूरत नहीं है। देश के वैज्ञानिक ऊर्जा के साक्षात स्त्रोत हैं।
-इसरो कभी भी हार नहीं मानने वाली संस्कृति का उदाहरण है। अगर हम शुरुआती दिक्कतों और चुनौतियों से हार जाते तो इसरो दुनिया की श्रेष्ठ ऐजेंसी की जगह नहीं ले पाता। हमें अपने वैज्ञानिकों और इंजिनियरों पर गर्व है।