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उन्होंने ट्वीट किया, “मैं इसरो और भारतीय अंतरिक्ष उद्योग को पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01 और ग्राहकों के नौ अन्य उपग्रहों के आज सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई देता हूं। समय सीमा के भीतर इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए कोविड-19 के इस दौर में हमारे वैज्ञानिकों को कई अवरोधों को पार करना पड़ा।” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि इन नौ उपग्रहों में लक्जमबर्ग और अमेरिका के चार-चार और लिथुआनिया का एक उपग्रह शामिल था। भारत ने शनिवार को सफलतापूर्वक ईओएस-01 और नौ अन्य विदेशी उपग्रहों को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
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इसरो ने कहा कि भारत का नया पृथ्वी अवलोकन उपग्रह अच्छे स्पष्ट चित्र भेजेगा, जिसका उपयोग कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन सहायता के लिए किया जाएगा। सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) के साथ ईओएस-01 सभी मौसम की स्थिति में चित्र शूट कर सकता है।
उपग्रह दिन और रात दोनों ही परिस्थिति में तस्वीरें ले सकता है और यह निगरानी के साथ-साथ नागरिक गतिविधियों के लिए उपयोगी होगा। आपको बता दें कि भारत के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल (पीएसएलवी-सी49) रॉकेट ने ‘अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट’ ईओएस-01 और 9 विदेशी उपग्रहों को लेकर शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफल उड़ान भरी। 10 उपग्रहों के साथ रॉकेट ने भारतीय समयानुसार दोपहर 3.02 बजे सतीश धवन स्पेस सेंटर (एसडीएससी) के पहले लॉन्च पैड से उड़ान भरी। 44.5 मीटर लंबा पीएसएलवी-सी49 का प्राथमिक पैसेंजर सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) से लैस भारतीय रडार इमेजिंग उपग्रह ईओएस-01 है जो सभी मौसम की स्थिति में तस्वीरें ले सकता है।