आगामी चुनावों को देखते हुए लिया गया है फैसला
निर्भया के पिता ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा बलात्कार के मामले में दोषी पाये जाने पर मृत्युदंड के प्रावधान वाला अध्यादेश ‘औचित्यहीन’ है।उन्होंने साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि आगामी चुनावों को देखते हुए ही इस अध्यादेश को जल्दबाजी में लागू किया गया है। बता दें कि अगले वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव होना तय हैं।
‘ये प्रावधान सभी के लिए होना चाहिए’
निर्भया के पिता ने यह भी तर्क रखा कि, ‘बलात्कार बलात्कार होता है, यह अपराध चाहे किसी नाबालिग से हो या फिर किसी व्यस्क से इसकी सजा एक जैस होनी चाहिए। ऐसे में अध्यादेश में सिर्फ 12 वर्ष से कम आयु की बच्ची के साथ रेप करने वालों को ही मृत्युदंड की सजा का प्रावधान क्यों? ये प्रावधान सभी के लिए होना चाहिए, चाहे उसकी जितनी भी उम्र हो।
वयस्कों और किशोर मामलों के आरोपियों से कैसे निपटा जा सकेगा?
गौरतलब है कि साल 2012 में 16 दिसंबर को दक्षिणी दिल्ली के पास एक इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ बेहद अमानवीय तरीके से बलात्कार किया गया था, जिसके बाद उसको बेहद गंभीर हालत में सड़क पर फेंक दिया गया था। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद रेप से जुड़े कई नई गाइडलाइन जारी की गई थी। हालांकि इस नए प्रावधान के बाद निर्भया के पिता का सवाल है कि इसके प्रावधान के जरिए वयस्कों और किशोर मामलों के आरोपियों से कैसे निपटा जा सकेगा।