विरोध को रोका गया तो लोकतंत्र टूट जाएगा गौरतलब है कि नक्सल कनेक्शन में गिरफ्तार किए गए पांचों लोगों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को झटका देते हुए सभी आरोपी को नजरबंद रखने का आदेश दिया। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने 4 सितंबर तक केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को जवाब देने को कहा। कोर्ट ने सराकर को नोटिस जारी कर पूछा कि इन लोगों के आरोप क्या है। सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तारी की याचिका पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि मतभेद लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है इसे रोका तो लोकतंत्र टूट जाएगा। विरोध को अगर यहां रोका गया तो लोकतंत्र टूट जाएगा।