कानून के जानकारों ने किया राष्ट्रपति के फैसले का विरोध
रामनाथ कोविंद के द्वारा की गईं इन नियुक्तियों का विरोध भी शुरू हो गया है। कानून के जानकारों ने चीफ जस्टिस दिनेश महेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के तरीको पर सवाल उठाए हैं। विरोध करने वालों का तर्क है कि जस्टिस महेश्वरी और जस्टिस खन्ना को सुप्रीम कोर्ट भेजे जाने का फैसला जस्टिस नंदराजोग सहित कई वरिष्ठ जजों को नजरअंदाज करके लिया गया है। उनका कहना है कि कई वरिष्ठ जजों को दरकिनार करते हुए इन दोनों को नियुक्त किया गया है।
कॉलेजियम ने भेजे थे जस्टिस महेश्वरी और जस्टिस खन्ना के नाम गौरतलब है कि दिसंबर में कॉलेजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस राजेंद्र मेनन और राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग की सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए सिफारिश करने का फैसला किया था, लेकिन यह फैसला जनवरी में पलट दिया गया था। इसके बाद कॉलेजियम ने जस्टिस महेश्वरी और जस्टिस खन्ना के नाम भेजे थे।