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मंत्रालयों के कायाकल्‍प के लिए मोदी सरकार प्राइवेट सेक्टर के मैनेजरों को बनाएगी नौकरशाह

संयुक्त सचिव के 10 पदों के लिए छह हजार आवेदन आए, विभिन्न विभागों में होगी नियक्ति

नई दिल्लीAug 20, 2018 / 10:05 am

Mohit Saxena

modi

निजी क्षेत्रों के प्रबंधक बनाए जाएंगे सरकारी नौकरशाह,मंत्रालयों का होगा कायाकल्‍प

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा प्राइवेट सेक्टर के लोगों के लिए निकाले गए संयुक्त सचिव के 10 पदों पर छह हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं। सरकार ने निजी क्षेत्र की प्रतिभाओं को मौका देने के उद्देश्य से इन पदों पर आवेदन मांगे थे। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने लैट्रल एंट्री के तहत संयुक्त सचिव के 10 पदों पर नियुक्ति की घोषणा की थी। इसके तहत निजी क्षेत्र के लोग अनुबंध के तहत सरकार से जुड़ सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक इन पदों के लिए कुल 6,077 आवेदन मिले हैं। संयुक्त सचिव के ये पद राजस्व, वित्तीय सेवाओं, इकनॉमिक अफेयर्स, कृषि, किसान हित, सड़क एवं परिवहन, जहाजरानी, पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा,विमानन और वाणिज्य विभाग में हैं। इसके लिए आवेदन की आखिरी तारीख 30 जुलाई थी।
आवेदकों को शॉर्ट लिस्ट करने का काम शुरू

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने आवेदकों को शॉर्ट लिस्ट करने का काम शुरू कर दिया है। सामान्य तौर पर इन पदों पर यूपीएससी के माध्यम से चुनकर आने वाले अधिकारी नियुक्त होते हैं। मनमोहन सिंह सरकार में योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी लैटरल एंट्री के माध्यम से ही नियुक्त हुए थे। बीते माह सरकार ने संसद में कहा कि इस तरह की नियुक्तियों से प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा। लोकसभा में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि नई प्रतिभाओं को मौका देने और मैनपावर का सही इस्तेमाल करने के उद्देश्य से लैटरल एंट्री के तहत नियुक्तियां की जा रही हैं।
पहले भी ऐसा किया चुका है

पहले भी ऐसा किया जा चुका है। मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, विजय केलकर, बिमल जालान, शंकर आचार्य, राकेश मोहन, अरविंद वीरमणि, अरविंद पनगड़िया, अरविंद सुब्रमण्यन और वैद्य राजेश कटोच की भी नियुक्ति इसी तरह हुई थी। इसका कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। केलकर वित्त सचिव रह चुके हैं। विमल जालान आरबीआई गवर्नर थे,राकेश मोहन डिप्टी आरबीआई गवर्नर थे और आचार्य, वीरमणि, सुब्रमण्यन आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं।

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