पुलिस के मुताबिक करीब 1000 छात्रों ने रेल ट्रैफिक को जाम कर दिया है। 4 साल पहले परीक्षा में पास होने के बावजूद इन छात्रों को नौकरी नहीं मिल रही है | इन परीक्षार्थियों की ट्रेनिंग भी पूरी हो चुकी है | छात्रों का दावा है की नौकरी न मिलने से निराश होकर 10 छात्र आत्महत्य भी कर चुके हैं उपनगरीय रेल सेवा की सेन्ट्रल लाइन पूरी तरह बंद है। इस लाइन से रोजाना करीब 40 लाख लोग यात्रा करते हैं|
उपनगरीय लोकल ट्रेन मुंबई की जान है और वहां की जिंदगी काफी हद तक लोकल रेल सेवाओं पर निर्भर करती है । लोकल ट्रेन पर ब्रेक लगने से मुंबई में जन जीवन ठप्प हो गया है लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । उपनगरीय स्टेशनों पर हज़ारों लोग फंसे हुए है। रेल जाम की सूचना मिलते ही पुलिस और आला प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचगए है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बातचीत कर उन्हें मनाने की कोशिश ज़ारी है। प्रशासनिक अधिकारियों की कोशिश है कि बातचीत के जरिए छात्रों को मना लिया जाए ताकि रेलवे पटरी खाली हो सके, और मुंबई की लाइफ-लाइन लोकल ट्रेन सेवा को फिर से शुरू किया जा सके। अधिकारियों का कहना है की उनकी पहली कोशिश ट्रैक खाली करवाने की है। ९ बजे के आसपास पुलिस ने अभ्यर्थियों पर हल्का बल प्रयोग किया था जिसके बाद छात्रों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
जानकारी के मुताबिक रेल प्रशासन छात्रों के इस आंदोलन को लेकर बिलकुल बेखबर था। सुबह पीक आवर होने की वजह से लोग अपने दफ्तरों और
काम काज के लिए बहार निकले, ठीक उसी वक़्त अभ्यर्थियों ने सेन्ट्रल लाइन की सौं को रोक दिया। माटुंगा-दादर और कुर्ला-दादर सेक्शन पर यातायात पूरी तरह ठप्प है। यात्री अलग-अलग स्टेशनों पर फंसे हुए हैं। यात्रियों को जब पता चला कि ट्रेन रूट को जाम कर दिया गया है तो यात्री बस और कैब के लिए सड़कों की तरफ भागे, जिसकी वजह से रोड ट्रैफिक का हाल बहुत बुरा हो गया है । बहुत से लोग रेल लाइनों से पैदल अपने गंतव्य की और जाते देखे गए है। छात्रों के आंदोलन से सेन्ट्रल लाइन की अब तक ६०लोकल ट्रेने रद्द की जा चुकी हैं।